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Amit Shah in CG: छत्तीसगढ़ आएंगे गृहमंत्री अमित शाह, चंद्रगिरी तीर्थ समारोह में होंगे शामिल यह स्थली अब देश और दुनिया में आचार्य विद्यासागर महाराज के स्मृति स्थल के रूप में जाना जाएगा। 6 फरवरी को प्रथम समाधि स्मृति दिवस का समापन हुआ। इस मौके पर
गृहमंत्री अमित शाह ने अष्टधातु से निर्मित आचार्य विद्यासागर महाराज के 108 चरण चिन्ह का लोकार्पण भी किया। यह चरण चिन्ह देशभर के दिगंबर जैन मंदिरों में भेजे जाएंगे। समाधि स्थली पर इसके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे।
इन्होंने भी संबोधित किया, राह दिखाई
इस अवसर पर इस अवसर पर मुनि पवित्रसागर, मुनि आगमसागर ,मुनि पुनीत सागर, वरिष्ठ आर्यिका गुरुमति माता,आर्यिकारत्न दृणमति माताजी, जैन समाज के अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद जैन, मनीष जैन एवं जैन समाज के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित थे।
जैन मुनियों को धन्यवाद दिया
इस कार्यक्रमों को गृहमंत्री अमित शाह ने संबोधित किया। अंत में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आभार व्यक्त किया कि दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज का अधिकांश जीवन डोंगरगढ़ चंद्रगिरि तीर्थ में बीता और संलेखना के माध्यम से उन्होंने देह त्यागे। छत्तीसगढ़ की जनता व जैन समाज की ओर से उन्होंने गृह मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने आचार्य समता सागर महाराज व जैन मुनियों को धन्यवाद दिया। छत्तीसगढ़ की धरती में कदम रखने वाले सभी साधु, संतों का आशीर्वाद प्रदेश को मिला है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने भी अपना उद्बोधन दिया।
डिजिटल माध्यम से कन्या विद्यालय का लोकार्पण
एलक धैर्य सागर महाराज द्वारा रचित अंतर्यात्री महायात्रा नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। निर्यापक श्रमण समतासागर महाराज द्वारा रचित समाधि संबोधन नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। डिजिटल माध्यम से प्रतिभास्थली विद्योदय ज्ञानपीठ रोजगारोन्मुखी नि:शुल्क कन्या विद्यालय कारोपानी डिंडोरी मध्यप्रदेश का लोकार्पण किया। जहां छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार की शिक्षा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।
हर जगह गुरुवर के दर्शन होंगे
निर्यापक श्रमण मुनि समतासागर महाराज ने धर्म सभा में कहा कि “गुरु के चरण इसलिए पूज्यनीय हैं, उन चरणों का आचरण जीवन भर पूज्यनीय व आदर्शमय रहा है। संपूर्ण भारत से आज अतिशय क्षेत्र चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में भगवान चंद्र प्रभु व गुरुदेव आचार्य विद्यासागर महाराज को अर्घ्य समर्पित करके सौभाग्यशाली समझ रहे हैं, आप लोग यह मत समझना कि गुरुवर हमारे बीच में नहीं हैं। आप जहाँ-जहाँ भी नजर उठाकर देखोगे, वहीं आपको गुरवर के दर्शन मिलेंगे।