Fake Mawa on Holi: आपकी सेहत का कबाड़ा कर सकती हैं मिलावटी मिठाइयां, ऐसे करें असली मावा की पहचान
Fake Mawa on Holi: विभाग की अनदेखी के चलते मिलावटी मिठाइयों से लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बाजार में बिकने वाली मिठाइयों में आमतौर पर घातक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
Fake Mawa on Holi: तीन दिन बाद होली त्योहार है। स्वीट्स सेंटरों व होटलों में थोक में मिठाइयां बन रहीं हैं, लेकिन ये खाद्य पदार्थ गुणवत्ता के मापदंड में कितने खरे हैं। इसका पता किसी को नहीं है। स्वीट्स सेंटरों में बड़ी मात्रा में नकली मावा से मिठाइयां बनाकर सप्लाई की जा रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार खाद्य सुरक्षा औषधि विभाग मिष्ठान भंडार व होटलों की जांच करने गंभीर नहीं है।
Fake Mawa on Holi: चटक रंगों वाली मिठाइयों से कैंसर का खतरा
हर साल यही स्थिति बनती है। जब तक विभाग जांच की कार्रवाई करता है तब तक मिठाइयां बिकी चुकी होती हैं। त्योहारी सीजन में मिठाइयों के आदान-प्रदान का चलन है। होली सहित अन्य त्योहार में लोग मिठाइयों की बड़ी मात्रा में खरीदी करते हैं। मिठाइयों की मांग बढ़ते ही मिलावटखोर भी जेबें भरने लोगों को मीठा जहर परोसने लगते हैं।
मिलावटी मिठाई खाने से पड़ता है बुरा प्रभाव, सतर्क रहें: मिठाइयों में जमकर नकली खोवा मिलाया जा रहा है। बावजूद इसके जिमेदार विभाग आंख बंद कर बैठा है। जांच नहीं होने का फायदा उठाकर हलवाई नकली खोवा से बनी मिठाइयों को खपा रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी इस ओर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
विभाग की अनदेखी के चलते मिलावटी मिठाइयों से लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बाजार में बिकने वाली मिठाइयों में आमतौर पर घातक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। चटक रंगों वाली मिठाइयों से कैंसर होने का खतरा रहता है। डॉक्टरों की मानें तो होटलों में पुराने तेल का कई बार इस्तेमाल होता है। जले हुए तेल से ह्रदय रोगों की आशंका रहती है।
हर साल खाद्य सुरक्षा विभाग त्योहार से कुछ दिन पहले ही सक्रिय होता है। सिलसिलेवार सैंपलिंग ली जाती है। लेकिन रिपोर्ट आने तक अमानक खाद्य पदार्थ बिक जाए रहते हैं। यह एक बड़ा सवाल है, शासन अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं बना पाया जो त्वरित कार्रवाई कर अमानक पदार्थोँ को जब्त कर सकें।
ज्यादातर मिठाइयां मावा की बनती हैं, लेकिन त्योहारों पर बाजारों में नकली मावे की मिठाई तेज़ी से बिक रही है। नकली खोवा की पहचान करने के लिए आप आयोडीन की दो से तीन बूंदें डालें। अगर यह काला पड़ जाए तो समझें ले यह नकली है। आमतौर पर मिलावट पिस्ता या लड्डू पर अधिक होता है। यदि आपको इन दोनों का रंग अधिक चमकीला लगे तो लेने से बचें।
कई मिठाइयां चांदी के वर्क की रहती है। उनमें कई मिठाइयों पर चांदी का वर्क नकली यानी मिलावटी होती है। नकली चांदी का वर्क हाथ से रगड़ने पर भी अलग नहीं होंगे जबकि असली चांदी का वर्क रगड़ते ही मिठाई से अलग हो जाएगा।
टीम गठित की गई है, जांच करेंगे
Fake Mawa on Holi: डोर्मेन्द्र ध्रुव, अधिकारी खाद्य सुरक्षा औषधि विभाग: मिठाई दुकानों की जांच करने टीम गठित की गई है। जल्द ही सभी दुकानों की जांच करेंगे। कहीं पर गड़बड़ी मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पहले भी सैंपल लेकर जांच की गई थी।
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