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B.Ed Teachers: बीएड शिक्षकों को मिलेगी सरकारी नौकरी, सबसे पहले बस्तर के पदों पर किए जाएंगे समायोजित प्रार्थी संतोष कुमार देवांगन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह वर्ष 2022 में पांडातराई स्वास्थ केन्द्र में जीवन दीप समिति में कार्यरत था। इसी बीच संगठन का पंजीयन कराने के लिए वह रायपुर गया था। यहां पर उसकी मुलाकात आरोपी बिशेसर ध्रुव से हुआ। बातचीत के दौरान आरोपी बिशेसर ने अपनी पहचान मंत्रालय तक होने का हवाला दिया और उनके द्वारा कई लोगो को नौकरी लगाने की बात कही।
इस दौरान सभी लोगो का
नौकरी लगवा देने का बिशेसर द्वारा पक्का वादा किया गया। जिसमें संतोष देवांगन को शिक्षक पद, विद्या देवांगन, त्रिलोक देवांगन को लेबर इस्पेक्टर और संजू देवांगन और विवेक देवांगन को चपरासी पद में नौकरी लागने के नाम बिशेसर ध्रुव और उसके साथी भुवनेश देवांगन को नगदी व फोन पे के माध्यम से 37 लाख 67 हजार 900 रूपये दे दिए। लंबा समय बीत जाने के बाद भी किसी का नौकरी नहीं लगने पर प्रार्थियों ने आरोपी बिशेसर ध्रुव से संपर्क किए तो आरोपी ने भरोसा करने की बात कहते 10 लाख व 3 लाख रुपए का अपना बैंक चेक प्रार्थियों को दे दिया ।
दोनों आरोपी प्रार्थियों को चकमा देते रहे। धोखाधड़ी का शिकार होने का आभास हुआ और थाने में इसकी शिकायत किया। पुलिस दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। रकम लेने गंडई पहुंचे थे आरोपी
इस बीच आरोपी ने प्रार्थी संतोष को भी नौकरी लगाने की बात कहते लेबर इस्पेक्टर के पद के लिए बीस लाख, चपरासी के लिए आठ लाख एवं शिक्षक पद के लिए पन्द्रह लाख रूपये लगने का हवाला दिया। इस दौरान प्रार्थी गंडई आकर अपनी बहन संजू देवांगन के घर पर चर्चा किया और रिश्तेदार विद्या देवांगन, त्रिलोक देवांगन, विवेक देवांगन सभी को बिशेसर ध्रुव द्वारा नौकरी लगवा देने की बात को बताया। सभी लोग अपना-अपना नौकरी लगवाने के लिये सहमत हो गये। इसी बीच बिशेसर ध्रुव लगातार फोन से बात कर नौकरी लगवा देने का गारंटी देता रहा और 25 दिसंबर 2022 को गंडई आया।