राजनगर फव्वारा चौक कबूतर खाना
राजनगर के फव्वारा चौक के निकट वर्षो पुराना कबूतर खाना है। यहां पर नियमित रूप से कबूतरों को प्रतिदिन दाना डाला जाता है। दुकानदारों ने बताया कि वर्तमान में गेहूं की कटाई आदि का कार्य जारी है। ऐसे में इन्हें पर्याप्त मात्रा में दाना उपलब्ध होने के कारण वर्तमान में प्रतिदिन 30 किलो मक्का अथवा गेहूं डाला जाता है, जबकि अन्य दिनों में 50 किलो करीब प्रतिदिन डाला जाता है। उन्होंने बताया कि काश्तकार दाना रख जाते हैं और समाज के लोगों की ओर से दाना उपलब्ध कराया जाता है।
धोईंदा में करीब 30 साल पुराना कबूतर खाना
धोईंदा में मंदिर के पास कबूतर खाना बना हुआ है। इसका निर्माण यहां के कारीगरों ने मिलजुल कर किया है। शंभूलाल और नानाराम कुमावत ने बताया कि प्रतिदिन एक क्विंटल दाना कबूतरों को नियमित रूप से डाला जाता है। दाने का इंतजाम ग्रामीणों के सहयोग से, समिति के माध्यम से किया जाता है। इसके बावजूद दाना कम पडऩे की स्थिति में खजूरिया श्याम मंदिर में सूचना देने पर वहां से पिकअप भरकर दाना कबूतर खाने में पहुंच जाता है। यह क्रम कई वर्षो से चल रहा है।
100 फिट के निकट भी है कबूतर खाना
शहर के 100 फिट रोड के निकट तुलसी विहार में नया कबूतरखाना बनाया गया है। हालांकि इसका निर्माण कुछ वर्षो पहले ही हुआ है। यहां भी कबूतर रहते हैं, लेकिन यह एकांत में होने के कारण ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। यहां पर कबूतरों के दाने आदि की व्यवस्था की जाती है।