वसीयत और गोदनामा बना मौत का कारण
पुलिस जांच में सामने आया कि मामला बेशक़ीमती जमीन को लेकर था। लोगर भील, जो मूल रूप से देपुर का था लेकिन मोगाणा में गोद लिया गया था, उसने 2009 में खेमराज को गोद लिया। परंतु 2020 में लोगर ने उसी ज़मीन को मोहनलाल (मृतक) के नाम वसीयत कर दी। लोगर की 2021 में मौत के बाद से ही दोनों पक्षों में मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा था, जो अंततः हिंसा में बदल गया।
हमला खेत पर: बुजुर्ग की गई जान
8 अप्रैल की सुबह खेमराज, सोहनलाल और उनके परिजन मोगाणा सरहद पर स्थित खेत पर पहुंचे और लाठी-पाइप से हमला कर दिया। इस हमले में मोहनलाल गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनकी उदयपुर रेफर करने के बाद मौत हो गई। उनके बेटों कैलाश और गणेश को भी चोटें आईं।
थानाधिकारी की तेज कार्रवाई: 24 घंटे में गिरफ्तारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए थानाधिकारी नरेंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने दोनों आरोपी खेमराज भील और सोहनलाल भील को गिरफ्तार किया। हमले में उपयोग हथियार जब्त कर लिए और घटनास्थल का फोरेंसिक और एमओबी द्वारा निरीक्षण किया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। केस सुलझाने वाली टीम में शामिल पुलिस
- थानाधिकारी नरेंद्र सिंह भाटी
- एएसआई लक्ष्मण सिंह, देवीलाल, गोविंद सिंह, अर्जुन सिंह
- हेड कांस्टेबल कमलेन्द्र सिंह, श्रवण कुमार, हरिसिंह, भंवरलाल
- कांस्टेबल रतिराम, लीलाधर, चुनाराम, बहादुर सिंह, मोहनलाल, नारायण, गजेंद्र प्रसाद (ड्राइवर)