पिछले साल हुई गणना, तीन साल नहीं हुई गणना
वन विभाग की ओर से पिछले साल 2024 में वन्यजीव गणना करवाई गई थी। इससे पहले 2021 में कोरोना के चलते वन्यजीव गणना नहीं हो पाई थी। इसके बाद 2022 में ताउते और 2023 में बिपरजॉय तूफान के चलते तेज बारिश होने के कारण वन्यजीव गणना नहीं हो पाई थी। हालांकि इसे एक माह के लिए टाला गया था, लेकिन पानी भरा होने के कारण इसे बाद में स्थगित कर दिया था। इसके चलते 2024 में ही वन्यजीव गणना हो पाई थी।
पिछली बार 15490 वन्यजीव दिए थे दिखाई
वन विभाग की ओर से पिछले वर्ष की गई वन्यजीव गणना में 15490 के करीब वन्यजीव दिखाई दिए थे। वन विभाग के अनुसार कुंभलगढ़ वन क्षेत्र में 8690 शाकाहारी एवं 1187 मांसाहारी वन्यजीव हैं। इसमें चीतल 26, सांभर 521, नीलगाय 1390, चिकारा 01, चौसिंगा 84, जंगली सुअर 729, लंगूर 5806, जंगली मुर्गी 1380, मोर 2234 है। मांसाहारी में बघेरा 132, सियार/गीदड़ 359, जरख 157, जंगली बिल्ली 96, बिल्ली 7, लोमड़ी 63, भालू 229, बिज्जू छोटा 68, बिज्जू बड़ा 67, कवर बिज्जू 9 सहित 1187 मांसाहारी जीव है। इसी प्रकार रावली व टॉडगढ़ में 4969 शाकाहारी एवं 644 मांसाहारी वन्यजीव है। इसमें सांभर 160, रोजड़ा 974, जंगली सुअर 534, लंगूर 3240 एवं अन्य वाटर हॉल में सांभर 4, नीलगाय 494, जंगली सुअर 125 सहित कुल 1619 वन्यजीव बताए जा रहे हैं। बघेरा 91, सियार/गीदड़ 317, जरख 73, जंगली बिल्ली 42, बिल्ली 7, लोमड़ी 24, भालू 63, बिज्जू छोटा 12, बिज्जू बड़ा 04, कवर बिज्जू 11 सहित कुल 644 मांसाहारी जीव वाटर पाइंट पर दिखाई दिए थे।
बारिश के कारण अगले माह होगी वन्यजीव गणना
जिले में बारिश के कारण अभी वन्यजीव गणना को स्थगित कर दिया है। कुंभलगढ़ और रावली टॉडगढ़ में होने वाली वन्यजीव गणना अब अगले माह 11 जून को करवाई जाएगी।