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रतलाम

अब फोन पर होंगे क्रिटीकल मरीजों के इलाज, अप्रैल से शुरू होगा नई योजना का ट्रायल

trial of telemedicine: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले क्रिटीकल मरीजों को मोबाइल या फोन पर ही इलाज करने की योजना पर एमपी के इस मेडिकल कॉलेज में काम चल रहा है।

रतलामApr 12, 2025 / 10:48 am

Akash Dewani

trial of telemedicine in ratlam medical college is going to start from april in mp
trial of telemedicine: मध्य प्रदेश के रतलाम मेडिकल कॉलेज का अस्पताल शुरू हुए चार साल से ज्यादा समय हो चुका है। यहां अब नई सुविधा शुरू होने जा रही है जिससे जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले क्रिटीकल मरीजों को भी मोबाइल या फोन पर ही प्राथमिक इलाज करके मेडिकल कॉलेज रैफर करवाया जा सकता है। यह सुविधा टेलीमेडिसिन की है जो जून में शुरू करने की तैयारी की जा रही है। ऐसा होने पर किसी मरीज को विशेषज्ञ चिकित्सक की जरूरत होने पर तुरंत ही यह सुविधा मिल सकेगी। इसका ट्रायल भी अप्रैल से शुरू होने वाला है। इससे कई मरीजों को लाभ होगा।

तीन जिले होंगे कवर

मेडिकल कॉल में शुरू होने वाली टेलीमेडिसिन की सुविधा न केवल रतलाम वरन दो और जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के मरीजों को मिल सकेगी। योजना के अनुसार तीन जिलों की 100 पीएचसी को इससे जोड़ा जाना है जहां यह सुविधा ऑनलाइन स्टॉफ और मरीजों को मिल सकेगी। हालांकि, इससे कौन से तीन जिले जुड़ेंगे यह अभी तय होना शेष है।
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डॉक्टरों को प्रशिक्षण

मेडिकल कॉलेज में शुरू होने वाली टेलीमेडिसिन व्यवस्था के तहत तीन डॉक्टरों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। मेडिसीन, गायनेकोलाजिस्ट और पीडियाट्रिशियन विभाग के डॉक्टर टेलीमेडिसिन के लिए रहेंगे। इन तीनों ही डिपार्टमेंट से जुड़ी बीमारी के लिए ये डॉक्टर टेलीफोन पर ही इलाज की सलाह देकर प्राथमिक उपचार करेंगे। जरूरत होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में बुला सकेंगे।

पीएचसी की आईडी

मेडिकल कॉलेज के टेलीमेडिसिन व्यवस्था के तहत जिन पीएचसी को इससे जोड़ा जाएगा वहां की अलग से आईडी बनेगी और इसी के जरिये वे मेडिकल कॉलेज से संपर्क में रह सकेंगे। उन्हें इसके जरिये ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा कि वे कैसे और किस तरह की बीमारी के मरीज के लिए मुख्यालय के सेंटर से संपर्क करके उनके लिए उपचार की व्यवस्था कर सकते हैं।

मरीजों व परिजन का समय बचेगा

मेडिकल कॉलेज के अस्पताल मैनेजर अंकित शर्मा का कहना है कि ‘किसी मरीज को लाने में असमर्थता हो या उन्हें त्वरित रूप से सुबह 10 से शाम पांच बजे तक किसी तरह के इलाज की जरूरत होने पर उन्हें अस्पताल तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। टेलीमेडिसिन के जरिये प्राथमिक इलाज होने से उनका समय भी बचेगा और इलाज भी हो सकेगा। इसके बाद भी आवश्यकता लगने पर मरीज को एंबुलेंस के जरिये प्राथमिकता से लाया जा सकेगा। ‘

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