आमलकी एकादशी पूजा विधि (Amalaki Ekadashi Puja Vidhi)
1.आमलकी एकादशी व्रत के पहले दिन यानी दशमी की रात में व्रती को भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सोना चाहिए और आमलकी एकादशी के दिन सुबह स्नान करके भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने हाथ में तिल, कुश, मुद्रा और जल लेकर संकल्प करें कि मैं भगवान विष्णु की प्रसन्नता और अपने मोक्ष की कामना से आमलकी एकादशी का व्रत रखता हूं। मेरा यह व्रत सफलतापूर्वक पूरा हो इसके लिए श्रीहरि मुझे अपनी शरण में रखें।इसके बाद यह मंत्र पढ़ें
‘मम कायिकवाचिकमानसिक सांसर्गिकपातकोपपातकदुरित क्षयपूर्वक श्रुतिस्मृतिपुराणोक्त फल प्राप्तयै श्री परमेश्वरप्रीति कामनायै आमलकी एकादशी व्रतमहं करिष्ये’ इस मंत्र से संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु की षोड्षोपचार पूजा करें। 2. भगवान विष्णु की पूजा के बाद पूजन सामग्री लेकर आंवले के वृक्ष की पूजा करें। सबसे पहले वृक्ष के चारों ओर की भूमि को साफ करें और उसे गाय के गोबर से पवित्र करें।
4. अंत में कलश पर श्री विष्णु के छठे अवतार परशुराम की स्वर्ण मूर्ति स्थापित करें और विधिवत परशुरामजी की पूजा करें।