ज्योतिष में इसे अशुभ समय माना जाता है, इसलिए हिंदू धर्म की प्रैक्टिस करने वाले लोगों के यहां इस समय शुभ, मांगलिक और नए कार्य की शुरुआत वर्जित है। इस समय कोई बड़ा काम नहीं किया जाता है।
मान्यता है कि इस समय के आठ दिनों में सभी नवग्रहों की ऊर्जा का स्तर बढ़ा रहता है और वो उग्र रहते हैं। इसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है और मांगलिक काम में बाधा आती है। इसका दुष्प्रभाव कम से कम पड़े, इसके लिए इस समय शुभ और मांगलिक कार्य से दूर रहते हैं।
कब से कब तक है होलाष्टक (holashtak start and end date 2025)
पंचांग के अनुसार होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को होती है और यह फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन के साथ संपन्न होती है, जिसे छोटी होली भी कहते हैं। इस साल फाल्गुन शुक्ल अष्टमी 6 मार्च से शुरू हो रही है और फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च 2025 को है यानी होलाष्टक 2025 इस माह की 13 तारीख तक है।इसी दिन होलिका दहन के साथ यह संपन्न होगा, यानी 13 मार्च तक शुभ काम नहीं हो पाएंगे। लेकिन इस साल यहीं मुश्किल खत्म नहीं हो रही है, आप होलाष्टक के बाद भी शास्त्रों के अनुसार शुभ काम नहीं कर पाएंगे। आइये जानते हैं क्यों।
होलाष्टक के बाद भी नहीं कर पाएंगे शुभ काम, जानें क्यों
होलाष्टक के बाद भी शुभ काम नहीं होंगे यह जानकर आपकी जिज्ञासा बढ़ गई होगी, तो यहां जानिए इसका कारण। दरअसल, होलिका दहन के अगले दिन 14 मार्च को होली 2025 के दिन ही चंद्र ग्रहण है, हालांकि यह भारत में दृश्य न होने से भारत में सूतक काल वगैरह नहीं लगेगा, लेकिन इसी दिन मीन संक्रांति है यानी होली 2025 पर 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इससे इस दिन से खरमास लग जाएगा, खरमास में भी शुभ और मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इसलिए यदि ऐसे किसी काम का प्लान कर रहे हैं तो एक माह यानी खरमास समाप्त होने का इंतजार करना होगा।
आइये जानते हैं कब शुरू हो रहा खरमास और कब समाप्त होगा (Kharmas Start Date End Date)
पंचांग के अनुसार मीन संक्रांति 2025 शुक्रवार 14 मार्च को है। मीन संक्रांति का क्षण शाम 6.59 बजे है और खरमास मेष संक्रांति तक रहेगा यानी सूर्य के मेष राशि में गोचर तक खरमास रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष राशि में सूर्य गोचर 14 अप्रैल 2025 को सोमवार को सुबह 03:30 बजे होगा और इसी के बाद खरमास खत्म होगा।
मीन संक्रांति पुण्य कालः 14 मार्च को दोपहर 12:36 बजे से शाम 06:35 बजे तक (5 घंटे 59 मिनट)
मीन संक्रांति महा पुण्यकालः 14 मार्ट को शाम 04:35 बजे से शाम 06:35 बजे तक ( 2 घंटे)
मीन संक्रांति का क्षणः शाम 06:59 बजे तक