जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने 80 ग्रंथों की रचना जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज जब दो महीने के थे, तब उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। इसके बावजूद उन्होंने जो उपलब्धियां हासिल कीं, वे अद्वितीय हैं। वे शिक्षाविद, बहुभाषाविद, कथाकार और प्रवचनकर्ता के रूप में जाने जाते ह। स्वामी को 22 भाषाएं आती हैं और उन्होंने लगभग 80 ग्रंथों की रचना की है, जिनमें हिंदी और संस्कृत के चार महाकाव्य भी शामिल है। उन्हें 1988 में जगद्गुरु पद पर प्रतिष्ठित किया गया था। उन्होंने विकलांग विश्वविद्यालय की स्थापना भी की है, जिसके वे आजीवन संस्थापक कुलाधिपति हैं। उन्हें 2015 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था।
तैयारियां चल रही हैं विवि में दीक्षांत समारोह के आयोजन की तैयारी में चल रही है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब अतिथियों की अनुमति मिलने का इंतजार है। मई के दूसरे सप्ताह में तारीख की घोषणा हो जाएगा। इस वर्ष आयोजन को अच्छा और बृहद बनाने का हम प्रयास कर रहे हैं। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज को मानद उपाधि से सम्मानित करने की अनुमति हमें राष्ट्रपति से मिल गई है।
प्रो. नीलिमा गुप्ता, कुलपति, डॉ. हरिसिंह गौर विवि