विद्यार्थियों ने जताई चिंता
छात्रों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वे रोज़ इसी कूलर से पानी पीते हैं। यदि सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया, तो उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस घटना से नाराज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं ने विभाग में विद्यार्थियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।
अभाविप विवि इकाई अध्यक्ष अनिकेत कुर्मी ने बताया कि दूषित पानी पीने से विद्यार्थियों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, अभाविप विज्ञान विभाग प्रमुख सूर्या चौबे ने बताया कि पिछले कई दिनों से वाटर कूलर के पानी में बदबू आ रही थी, जिसकी शिकायत भी की गई थी। लेकिन विवि प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यह गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई।
सर्वे में पहले भी उजागर हुई थी पेयजल समस्या
अभाविप के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में पहले एक सर्वे किया था। उस सर्वे में सबसे अधिक विद्यार्थियों ने पेयजल की समस्या को प्रमुख मुद्दा बताया था। अभाविप ने इस संबंध में मांग भी रखी थी कि पूरे विश्वविद्यालय में वाटर कूलर की नियमित सफाई और रखरखाव की उचित व्यवस्था की जाए। लेकिन आरोप है कि विवि प्रशासन ने इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण यह लापरवाही सामने आई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दी सफाई
इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि उनके पास अभी तक ऐसी कोई शिकायत आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं हुई है। हालांकि, इस घटना को गंभीरता से लिया जाएगा और विभाग के संज्ञान में लाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया प्रभारी विवि, विवेक जयसवाल ने कहा, हमें अब तक इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है। फिर भी, विभाग को इस संबंध में अवगत कराकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
विद्यार्थियों की मांग- हो नियमित जांच
इस घटना के बाद छात्रों और अभाविप कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि पूरे परिसर में सभी वाटर कूलर की नियमित सफाई और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और विद्यार्थियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सके।