नपा और ग्रामीण क्षेत्रों में कुंओं के संरक्षण की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। सिर्फ ट्यूबवेल खनन पर जोर देते हैं, जबकि कुंआ कम लागत में भी तैयार किया जा सकता है। ट्यूबवेलों के कारण जलस्तर भी नीचे जा रहा है। जलस्तर नीचे जाने से सैकड़ों फीट के ट्यूबवेल खनन के बाद भी पानी नहीं निकलता। रेलवे क्षेत्र में पुरानी लोको के पास बने एक कुंआ को रेलवे ने संरिक्षत किया गया है, इसमें पानी भी रहता है। इसी तरह यदि अन्य कुंओं को संरक्षित किया जाए, तो जलस्तर बढ़ाने और लोगों को पानी उपलब्ध कराने में यह कारगर साबित होंगे।