दोपहर 12 बजे सीएमओ आरपी जगनेरिया, उपयंत्री एजेंडा के साथ सभाकक्ष में पहुंच थे और नपाध्यक्ष लता सकवार अपने कक्ष में बैठी थीं, लेकिन दोपहर 12.45 बजे तक कोई भाजपा पार्षद बैठक में नहीं पहुंचे। सभाकक्ष में पांच कांग्रेस पार्षद और एक भाजपा समर्थित पार्षद बीडी रजक मौजूद थे। कुछ देर बाद नपाध्यक्ष, सांसद प्रतिनिधि संतोष ठाकुर भी सभाकक्ष में पहुंचे, लेकिन कोरम पूरा न होने की बात कहकर बैठक को रद्द कर दिया गया। अध्यक्ष ने उपयंत्री शिक्षा दीक्षित को फटकार लगाते हुए कहा कि बिना सूचना के पाइप लाइन शिफ्टिंग का कार्य क्यों किया, इससे पूरा शहर परेशान रहा। सीएमओ ने बताया कि बैठक की पूरी तैयारी थी, लेकिन कोरम पूरा न होने से रद्द करनी पड़ी। शहर में पानी की सप्लाई शुरू हो गई है।
कांग्रेस पार्षदों ने किया जमकर प्रदर्शन कांग्रेस पार्षदों ने खाली मटके लेकर नारेबाजी। नेता प्रतिपक्ष प्रशांत राय ने कहा कि विकास के मद्दों को लेकर भी भाजपा पार्षद बैठक में नहीं आ रहे हैं। अभी स्थिति यह है कि पाइप लाइन लीकेज के कारण शहर में पानी की किल्लत है, लेकिन इसको लेकर भी जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं। यदि सभापति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं, तो इस्तीफा देकर उन्हें मौका दिया जाए। व्यवस्थाओं को लेकर कई प्रस्ताव अधिकारियों को दिए गए हैं, लेकिन उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बैठक रद्द होने पर कांग्रेस पार्षद विवेक पौरिया अध्यक्ष और राजकुमारी ठाकुर ने उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठकर विरोध जताया। इसके बाद नपा के बाहर मटके फोड़े। इस दौरान प्रकाश बजाज, अतीक खान मौजूद रहे।
उपाध्यक्ष और पार्षदों ने की अलग बैठक नगर पालिका में परिषद की बैठक के समय उपाध्यक्ष रामाकांत बिलगैंया के यहां भाजपा पार्षदों की बैठक चल रही थी। इस दौरान अध्यक्ष की मनमर्जी को लेकर सभी ने नाराजगी जताई। उपाध्यक्ष ने बताया कि अध्यक्ष की कार्यप्रणाली को लेकर असंतोष है और वह मनमर्जी से एजेंडा तैयार कराती हैं, किसी पार्षद से सलाह नहीं ली जाती है। पार्षद अजय ठाकुर ने बताया कि शहर में विकास कार्यों, सौंदर्यीकरण सहित अन्य मामलों में अध्यक्ष, पार्षदों से कोई चर्चा नहीं करती हैं। इस दौरान भाजपा पार्षद गौरी राय, जितेंद्र बोहरे, भारती राय, सौरभ कैथोरिया, विजय लखेरा, आप पार्टी पार्षद नीतू राय, पार्षद प्रतिनिधि संजय सिंह, विकास राजपूत, हरिओम चौबे, कैलाश कुशवाहा मौजूद थे। कुछ पार्षद इस बैठक में भी शामिल नहीं हुए।
सभी से की जाती चर्चा
उपाध्यक्ष या पार्षद जो आरोप लगा हरे हैं, वह गलत हैं। पार्षदों से पूछकर ही एजेंडा तैयार किया जाता है। पानी की सप्लाई न होने का कारण पार्षदों ने बताया था, इसलिए वह बैठक में नहीं आए थे। कुछ पार्षदों से बात हुई है, वह शहर से बाहर हैं।
लता सकवार, नपाध्यक्ष, बीना