Marriage : दूल्हे ने पुरोहित को फेरे कराने से रोका, फिर जो हुआ उसे देख फटी रह गई सबकी आखें
Marriage : पुरोहित को अचानक दूल्हे ने रोक दिया और स्वयं मंत्र पढ़ने लगा। पुरोहित ने कहा कि उनके जीवन की ये पहली घटना है। इसके बाद पुरोहित ने खुश होकर वर-वधू को आशीर्वाद दिया।
Marriage : उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई ये शादी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है और इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस शादी में कोई फूहड़ता नहीं हुई और ना ही ये शादी ( Marriage ) दूल्हे के शराबी दोस्तों के डांस की वजह से वायरल हो रही है। ये शादी फेरों पर दूल्हे ( Groom ) के पुरोहित बन जाने की वजह से सोशल मीडिया ( Social Media ) पर वायरल हो रही है। दूल्हे ने फेरों के दौरान पुरोहित को फेरे कराने से मना करके खुद पुरोहित बन गया और यही वजह है कि ये शादी अब चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग दूल्हे की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
शादी की लगभग सभी तैयारियां हो चुकी थी। दूल्हा-दुल्हन को फेरे के लिए बुलाया गया। फेरे आरम्भ होने ही वाले थे कि दूल्हे ने पुरोहित को मंत्र पढ़ने से रोक दिया। यह देखकर सब लोग हैरान रह गए लेकिन अगले ही पल जो हुआ उसने सभी को चौंका दिया। दूल्हे ने कहा कि अपनी शादी में वह स्वयं मंत्र पढ़ेगा। इस तरह दूल्हा खुद पुरोहित बना और अपनी शादी में उसने स्वयं मंत्र पढ़ते हुए अपने फेरे संपन्न कराए।
पुरोहित बोले मैने पहली बार देखी एसी ( Marriage ) शादी
दूल्हे को मंत्र पढ़ते हुए देखकर खुद पुरोहित भी हैरान रह गए। पुरोहित ने बताया कि आज तक उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारी शादियां कराई हैं लेकिन यह पहला मामला है जब दूल्हा स्वयं ही मंत्र पढ़ रहा है। दूल्हे को पूरी जानकारी है और जिस तरह से उसने विधि विधान से अपने शादी के मंत्र पढ़े हैं यह वाकई तारीफ के काबिल है। पहले तो पुरोहित को बुरा लगा था लेकिन दूल्हे के इन संस्कारों ने पुरोहित का भी मन मोह लिया। बाद में पुरोहित ने फेरे संपन्न कराते हुए नवदंपति को सदा सुखी रहने का आशीर्वाद दिया।
अखबार विक्रेता था विवेक
आप सोच रहे होंगे कि विवेक कोई पंडित होगा लेकिन ऐसा भी नहीं है। सहारनपुर के रामपुर मनिहारान के मोहल्ला कायस्थान के रहने वाले प्रवीण कुमार का बेटा विवेक अखबार विक्रेता था। विवेक की बारात 19 जनवरी को उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के गांव कुंजा बहादुरपुर गई थी। इसी गांव के रहने वाले अनिल कुमार की बेटी से विवेक की शादी हुई। विवेक ने गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार से बीफार्मा की पढ़ाई की है। दूल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे को माला पहनाई। दूल्हे के यार दोस्त भी खूब नाचे यानी इस शादी में सब कुछ एक सामान्य शादी की तरह ही हुआ लेकिन बाद में दूल्हे ने सभी का दिल जीत लिया।
पंडित यानी पुरोहित फेरे कराने की तैयारी में बैठे हुए थे। हवन कुंड तैयार कर लिया गया था। संविदाएं लगा ली थी और जब उन्होंने कहा कि चलिए अब फेरों के लिए तैयार हो जाइए तो दूल्हे यानी विवेक ने पुरोहित को मंत्र पढ़ने से रोक दिया और कहा कि वह खुद अपने फेरे कराएगा। दूल्हे ने पुरोहित से कहा कि वह स्वयं अपनी शादी के मंत्र पढ़ना चाहता है। यह सुनकर पहले तो पुरोहित को मजाक लगा और पीछे हट गए लेकिन जब उन्होंने देखा कि विवेक पूरे विधि विधान के साथ फेरे करा रहा है तो पुरोहित भी खुश हो गए।
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