script‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक है 35 लाख वोटरों का नाम हटाना’,संसद में गरजेंगे इमरान मसूद | 'Removing the names of 35 lakh voters is dangerous for democracy, Imran Masood will roar in Parliament | Patrika News
सहारनपुर

‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक है 35 लाख वोटरों का नाम हटाना’,संसद में गरजेंगे इमरान मसूद

सोमवार से शुरू हुए मानसून सत्र को लेकर सरकार की ओर से कहा गया है कि वह विपक्ष की ओर से उठाए गए सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

सहारनपुरJul 21, 2025 / 12:51 pm

Aman Pandey

imran masood

Imran Masood (Photo: IANS/Qamar Sibtain)

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मानसून सत्र को लेकर कहा कि सत्र में कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बिहार में हो रहे एसआईआर सहित कई ज्वलंत मुद्दे हैं जिन पर सरकार से जवाब लिया जाएगा।

ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब मांगा जाएगा

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि जिस तरह से बिहार से खबर आ रही है कि मतदाता सूची से 35 लाख वोटर के नाम लिस्ट से काटे जा रहे हैं, यह निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए बहुत हानिकारक है। यह लोकतंत्र के लिए बहुत बुरी बात है। लोगों को जागरूक होने की ज़रूरत है और हम इस मुद्दे को संसद में भी ज़ोरदार तरीके से उठाएंगे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार चर्चा करे और हमें बताए कि पहलगाम में आतंकवादी कहां गए। क्या हमने उन्हें खत्म किया या नहीं? ऑपरेशन सिंदूर से हमें क्या हासिल हुआ? कांग्रेस सांसद के अनुसार, मानसून सत्र के दौरान महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।

‘सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार’

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष अपनी याचिका नियमानुसार प्रस्तुत करे। सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है। आप ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा उठाएं या कोई अन्य विषय, उस पर पूरी ईमानदारी से चर्चा करें।

‘पहलगाम आतंकी अभी तक क्यों नहीं पकड़े गए?’

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह संसद का मॉनसून सत्र है। सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के बाद इंटेलिजेंस विफलता पर सवाल उठाया, खासकर यह कि आतंकियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया चुनाव से पांच महीने पहले शुरू की गई, जो संदेहास्पद है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में पहले पर्दे के पीछे किए गए ऐसे कार्य अब बिहार में खुलेआम हो रहे हैं। उन्होंने सत्ता में बैठे लोगों से इसकी मजबूरी और समय पर सवाल उठाया। उन्होंने चुनाव आयोग की वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
इन मुद्दों को विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में भी उठाया था, जिसमें पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम दावों पर चर्चा की मांग की गई। प्रियंका चतुर्वेदी ने जोर देकर कहा कि सरकार को इन सभी गंभीर मुद्दों पर संसद में जवाब देना चाहिए, ताकि जनता को सच्चाई पता चल सके।

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