पुलिस ने किया हत्याकांड का खुलासा
10 मार्च को दबथरा हिमांचल इलाके में बाइक सवार बदमाशों ने बीजेपी नेता गुलफाम सिंह यादव को जहरीला इंजेक्शन लगा दिया था। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया था। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि इस साजिश में जुनाबई ब्लॉक प्रमुख रवि यादव और उनके पिता महेश यादव का हाथ था। तीन महीने पहले रची गई थी हत्या की साजिश
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि हत्या की योजना तीन महीने पहले बनाई गई थी। ब्लॉक प्रमुख रवि यादव ने हिस्ट्रीशीटर धर्मवीर उर्फ धम्मा को पांच लाख रुपये की सुपारी दी थी। जांच में पता चला कि महेश यादव ने 19 नवंबर 2024 को बरेली की सेंट्रल जेल में जाकर धर्मवीर से मुलाकात की और हत्या की साजिश रची।
सुपारी देकर करवाई गई हत्या
हत्या की साजिश के तहत महेश यादव और रवि यादव ने धर्मवीर को जेल से बाहर निकलवाया। जेल से छूटने के बाद धर्मवीर ने बीजेपी नेता के करीबी और उनके ही गांव के बाबूराम फौजी से संपर्क किया। बाबूराम के जरिए धर्मवीर गुलफाम सिंह के करीब पहुंचा। 10 मार्च को जब गुलफाम अपने घर पर थे तब धर्मवीर और नेमपाल उनके घर पहुंचे। एक ने बीजेपी नेता को पकड़ लिया जबकि दूसरे ने जहरीला इंजेक्शन लगा दिया। इस दौरान मुकेश बाहर खड़ा था और निगरानी कर रहा था। छह आरोपी गिरफ्तार, दो फरार
पूछताछ में सामने आया कि हत्या को साइलेंट किलिंग का रूप देने के लिए फार्मासिस्ट की मदद से विशेष प्रकार का जहरीला इंजेक्शन इस्तेमाल किया गया था। इस इंजेक्शन को विधौती फाजलपुर के विकास कुमार ने उपलब्ध कराया था जिसे रामनिवास उर्फ नारद बसला की मढ़ैया से लाया था और बिलारी मुरादाबाद के एक मेडिकल स्टोर से खरीदा गया था।
पुलिस ने इस मामले में ब्लॉक प्रमुख रवि यादव, उनके पिता महेश यादव, मुकेश यादव, विकास यादव, रामनिवास उर्फ नारद और सोरों नगर पंचायत अध्यक्ष पति सुधीर कुमार उर्फ पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया है। दो आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।