क्या है पूरा मामला
बता दें, यह विवाद उस समय सुर्खियों में आया था जब कोर्ट के आदेश पर सर्वे की कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई थी और हिंसा भड़क उठी थी। उस दिन हुई हिंसा में चार लोगों की जान चली गई थी, जबकि 29 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस घटना के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए अब तक 96 आरोपियों को जेल भेजा है। 22 लोगों को बनाया गया है नामजद आरोपी
इसके साथ ही 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के लिए गठित एसआईटी ने इस मामले में 1,100 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है। इस चार्जशीट में कुल 22 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है, जबकि सुहैल इकबाल को चार्जशीट से बाहर रखा गया है।
विवाद की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन और पुलिस लगातार सतर्कता बनाए हुए है। वहीं शाही जामा मस्जिद को लेकर कोर्ट के आगामी आदेश के तहत सर्वे की तैयारियां चल रही हैं, ताकि पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से पूरी की जा सके। यह मामला धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील है, इसलिए जिला प्रशासन मामले को लेकर कोई कोताही बरतने के मूड में नहीं है। वहीं इस मामले को लेकर आगे होने वाली कोर्ट की सुनवाई और सर्वे की प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।