अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ किसी काम के लिए रिश्वत मांगने की बातें सामान्य तौर पर होती ही रहती हैं, लेकिन सतना में एक आम आदमी ने कृषि अधिकारी से ही रिश्वत मांग कर उल्टी गंगा बहा दी।
किस्सा यूं है कि अमरपाटन विकास खंड की कृषि विकास अधिकारी मौहट प्राची पटेल ने प्रगतिशील किसानों के लिए बने वाट्सएप ग्रुप में कृषि यंत्रों के पंजीयन और पोर्टल में आगामी आदेश तक स्थगित किए जाने की जानकारी दी। क्षेत्र के एक कृषक राजेन्द्र सिंह ने सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत कर दी। जब उनसे समस्या पूछी गई तो उन्होंने अनैतिक रूप से चालान जमा करने एवं रद्द करने की बात कहकर प्राची पटेल से 2000 रुपए की मांग कर ली।
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कृषि विकास अधिकारी प्राची पटेल ने राजेंद्र सिंह की रिश्वत की मांग को फोन पर रिकॉर्ड कर लिया और रिकार्डिंग कृषि विभाग के उप संचालक को दे दी। उप संचालक को यह भी बताया कि कृषक से चालान एवं पंजीयन संबंधी दस्तावेज मांगे गए तो वह वे नहीं दे सके। चर्चा के दौरान उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग भी किया, जो रिकॉर्डिंग में भी हैं।
यह है रिकार्डिंग में
रिकार्डिंग में कृषक राजेन्द्र सिंह अपनी एक गौशाला का हवाला देते हुए किसी अन्य द्वारा जमा किए गए चालान की राशि का भुगतान अन्य व्यक्ति को करने की बात करते हुए स्पष्ट सुने जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें: एमपी के बड़े नेता पर पत्नी ने लगाए रेप के आरोप,सरकार पहुंच गई सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में सतना के कृषि विभाग के उप संचालक मनोज कश्यप ने बताया कि कृषि विस्तार अधिकारी प्राची की शिकायत और रिकार्डिंग मिली है। कृषक राजेन्द्र सिंह गौशाला के नाम से 2000 रुपए की राशि शिकायत बंद करने के नाम पर मांग रहे हैं। मामले की जांच की जा रही है। जांच सहायक संचालक कृषि को दी गई है।
प्रदेशभर में चल रही ब्लेकमेलिंग
बता दें कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत बंद कराने के लिए अनाधिकृत राशि मांगने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में इस तरह के काफी मामले आने के बाद विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी ने 3 मार्च को अपर मुख्य सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग को इस संबंध में पत्र लिखा है।
पीएस रस्तोगी ने जिपं सीईओ सिवनी के पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायत निराकरण के लिए शिकायतकर्ता बार-बार शिकायतें ब्लैकमेल करने के लिए कर रहे हैं। शिकायत निराकरण के बाद जब संतुष्टि के लिए उनसे चर्चा की जाती है तो वे बदले में अनधिकृत रूप से राशि की मांग करते हैं।
मामले में रस्तोगी ने एसीएस से मांग की है कि इस तरह के वार्तालाप की रिकार्डिंग को पोर्टल में अपलोड करने का विकल्प उपलब्ध करवाया जाए। इसके साथ ही इस तरह की शिकायतों को दर्ज टीप के आधार पर आटो क्लोज का प्रावधान किया जाए।