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सतना

भयावह रूप से गिर रहा है सतना जिले का भूजल स्तर

बारिश का आंकड़ा बढ़ने के बाद भी भूजल स्तर जा रहा नीचे

सतनाMar 22, 2025 / 10:31 am

Ramashankar Sharma

bhujal
सतना। सतना जिले का भू-जल स्तर भयावह रूप से नीचे जा रहा है। यह स्थिति तब है जब बारिश का आंकड़ा बढ़ रहा है। वर्ष 2023 में सतना जिले का औसत भू-जल स्तर 44.9 मीटर था जबकि औसत बारिश 609 मिली मीटर हुई थी। लेकिन वर्ष 2024 में जल स्तर 43.6 मीटर पर आ गया जबकि बारिश का आंकड़ा 805 मिमी था। वर्ष 2025 में भू-जल स्तर 40.6 मीटर पर आ गया है। इस तरह तीन साल में भू-जल स्तर 4.3 मीटर (14.10 फीट) नीचे आ गया है। भू-जल वैज्ञानिक इसके पीछे की मुख्य वजह धरती के अंदर से बड़े पैमाने पर अनियोजित तरीके से पानी निकालने को मान रहे हैं। जबकि जितना पानी निकाला जा रहा है उसके विपरीत धरती में बारिश का पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है। केन्द्रीय भूमिजल बोर्ड के अनुसार सतना जिले के दो ब्लाक सोहावल और रामपुर बाघेलान तथा मैहर जिले के अमरपाटन और मैहर ब्लाक वर्ष 2023-24 में सेमी क्रिटिकल जोन में आ चुके हैं। अगर स्थिति यही बनी रही तो ये सभी ब्लाक क्रिटिकल जोन में आ जाएंगे।मझगवां ब्लाक में यह है स्थिति वर्ष 2023-24 में मझगवां ब्लाक की औसत बारिश 532 मिमी रही। इस दौरान प्री मानसून यहां का भूजलस्तर 49 मीटर तथा पोस्ट मानसून 28 मीटर रहा। वर्ष 2024-24 में बारिश 889 मिमी रही तब प्री मानसून भूजल स्तर 48 मीटर तथा पोस्ट मानसून 27 मीटर रहा। वर्ष 2025-26 में प्री मानसून जल स्तर 42 मीटर पर आ गया है।
सोहावल विकासखंड में यह है स्थिति

वर्ष 2023-24 में सोहावल ब्लाक की औसत बारिश 563 मिमी रही। इस दौरान प्री मानसून यहां का भूजलस्तर 43 मीटर तथा पोस्ट मानसून 24 मीटर रहा। वर्ष 2024-24 में बारिश 883 मिमी रही तब प्री मानसून भूजल स्तर 42 मीटर तथा पोस्ट मानसून 20 मीटर रहा। वर्ष 2025-26 में प्री मानसून जल स्तर 39 मीटर पर आ गया है।
रामपुर बाघेलान विकासखंड की यह रही स्थिति

वर्ष 2023-24 में रामपुर बाघेलान ब्लाक की औसत बारिश 538 मिमी रही। इस दौरान प्री मानसून यहां का भूजलस्तर 48 मीटर तथा पोस्ट मानसून 30 मीटर रहा। वर्ष 2024-24 में बारिश 576 मिमी रही तब प्री मानसून भूजल स्तर 47 मीटर तथा पोस्ट मानसून 29 मीटर रहा। वर्ष 2025-26 में प्री मानसून जल स्तर 45 मीटर पर आ गया है।
नागौद विकास खंड की यह रही स्थिति

वर्ष 2023-24 में नागौद ब्लाक की औसत बारिश 711 मिमी रही। इस दौरान प्री मानसून यहां का भूजलस्तर 43.5 मीटर तथा पोस्ट मानसून 28 मीटर रहा। वर्ष 2024-24 में बारिश 750 मिमी रही तब प्री मानसून भूजल स्तर 42 मीटर तथा पोस्ट मानसून 26 मीटर रहा। वर्ष 2025-26 में प्री मानसून जल स्तर 43 मीटर पर आ गया है।
उचेहरा विकासखंड की यह रही स्थिति

वर्ष 2023-24 में उचेहरा ब्लाक की औसत बारिश 702 मिमी रही। इस दौरान प्री मानसून यहां का भूजलस्तर 41 मीटर तथा पोस्ट मानसून 24 मीटर रहा। वर्ष 2024-24 में बारिश 927 मिमी रही तब प्री मानसून भूजल स्तर 39 मीटर तथा पोस्ट मानसून 23 मीटर रहा। वर्ष 2025-26 में प्री मानसून जल स्तर 34 मीटर पर आ गया है।
मैहर जिला संभला

मैहर जिले की स्थिति सतना जिले की तुलना में कुछ ठीक पाई गई है।वर्ष 2023-24 में मैहर जिले की औसत बारिश 638 मिमी रही। इस दौरान प्री मानसून यहां का भूजलस्तर 37 मीटर तथा पोस्ट मानसून 22 मीटर रहा। वर्ष 2024-24 में बारिश 985 मिमी रही तब प्री मानसून भूजल स्तर 36.33 मीटर तथा पोस्ट मानसून 20.67 मीटर रहा। वर्ष 2025-26 में प्री मानसून जल स्तर यथावत 36.33 मीटर है।
बोरवेल पर लगानी होगी रोक

भू-विज्ञानी संदीप शुक्ला ने कहा कि भू-जल स्तर में सुधार का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा बारिश का जल जमीन के अंदर पहुंचाया जाए। लेकिन यहां जिस तरीके से सीमेंट के जंगल तैयार हो रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में खेती की पद्धति में बदलाव के कारण पानी नहीं रोका जा रहा है उससे बारिश का पानी जमीन के अंदर नहीं जा पा रहा है। दूसरी ओर जमीन के अंदर बोर के द्वारा बड़े पैमाने पर पानी निकाला जा रहा है। ऐसे में जमीन के अंदर का पानी ज्यादा निकलने और कम भरने की वजह से घटता जा रहा है। यह स्थिति बनी रही तो भयावह स्थितियां हो जाएंगी। इसके लिए उन्होंने बोरिंग को सख्ती से प्रतिबंधित करने की बात कही है साथ ही वर्षा बूंदों के संचय का गंभीरता से पालन करने कहा। उन्होंने नगरीय इलाकों में घरों की छतों का पानी जमीन के अंदर ले जाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग की अनिवार्यता पर बल दिया।

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