टाइगर के हमले में बच्चे की मौत के बाद गांव में पसरा मातम, दादी के हाथ पर है टाइगर के नाखून का निशान
राजस्थान में रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मार्ग पर बाघिन के हमले में बच्चे की मौत की घटना से हर कोई सन्न है। कार्तिक सुमन की मौत के बाद उसके गांव में मातम का माहौल है।
Ranthambore Tiger Attack: सवाईमाधोपुर/बूंदी। राजस्थान में रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश मार्ग पर बाघिन के हमले में बच्चे की मौत की घटना से हर कोई सन्न है। कार्तिक सुमन की मौत के बाद बूंदी जिले के उसके गांव गुहाटा में मातम का माहौल है। मंदिर में शादी का निमंत्रण देने गया परिवार शादी को लेकर उत्साहित था। किसने सोचा था कि उनके साथ अनहोनी होनी वाली है। डॉक्टरों ने बालक की मौत की वजह गले में टाइगर के दांतों के गहरे घाव व खून बहना बताई है। बच्चे का अंतिम संस्कार बुधवार शाम को कर दिया गया।
बूंदी जिले के गुहाटा गांव निवासी रामप्रसाद सुमन के घर में उसके पुत्र दीपक की 7 मई को शादी की तैयारियों चल रही थी। होने वाला दूल्हा दीपक अपनी मां के साथ रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश शादी का निमंत्रण देने के लिए जा रहे थे। इस दौरान अपने बड़े भाई द्वारका के दूसरे पुत्र सात वर्षीय कार्तिक को भी मोटरसाइकिल पर साथ ले गए।
दीपक ने बताया कि मंदिर से लौटते वक्त बीच रास्ते में दादी व उसके बीच से अचानक बाघिन बालक कार्तिक को झपट्टा मार कर मुंह में दबाकर ले गई। इस दौरान हादसे में कार्तिक की मौत हो गई। मंदिर में दर्शन के बाद लौटते समय कार्तिक ने परिवार वालों के साथ कई फोटो खिंचवाए। उसके खींचे हुए फोटो सिर्फ यादों में ही रह जाएंगे। यह किसी को पता नहीं था।
दादी का हाथ हुआ जख्मी
बाघिन के बच्चे को उठाने के दौरान दादी का हाथ भी जख्मी हो गया। घटना के बाद दादी का रोते-रोते बेसुध हो गई। वह अपने पोता-पोती के साथ त्रिनेत्र गणेश के दर शादी का निमंत्रण देने आई थी। उसके साथ उसकी एक पोती भी मौके पर मौजूद थी। कार्तिक के पिता द्वारिकालाल मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते है।
बाघिन के हमले में बालक की मौत की सूचना मिलते ही चकेरी में जनसुनवाई छोड़ सीधे अस्पताल पहुंचे कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने परिजनों को ढाढ़स बंधाया तथा हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। त्रिनेत्र गणेश मंदिर मार्ग पर बुधवार को बाघिन के हमले का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस माह शावक के एक व्यक्ति पर पंजा मारने की घटना सामने आई थी।
हर बुधवार को रहती है भीड़
त्रिनेत्र गणेश मंदिर देश भर में आस्था का केंद्र है। यहां प्रदेश भर से श्रद्धालु दर्शन करने सहित शादी विवाह पर प्रथम निमंत्रण देने के लिए यहां आते हैं। यहां पहुंचने के लिए जीप एवं निजी वाहन ही पहुंचने का साधन है।
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इसके अलावा कुछ लोग यहां पैदल भी दर्शन को पहुंचते हैं, मंदिर जाने के लिए करीब तीन किलोमीटर तक पैदल जाना आना पड़ता है। लेकिन बुधवार को हुए हादसे ने यहां पर लापरवाही की पोल खोल दी।
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