जिले में रिश्वतखोरी के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। कई मामलों में आवेदक शिकायत करके कार्रवाई करा रहे हैं। वहीं कई मामले दब कर रह जा रहे हैं। जुलाई 2024 में सिवनी के विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेने वाले पटवारी को चार साल की जेल और 5,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया था। जिले में ऐसे कई रिश्वतखोरी के मामले में है जिसमें लोकायुक्त ने कार्रवाई की। सजा भी मिल चुकी है, लेकिन मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। 21 सितंबर को मत्स्य विभाग में सहायक मत्स्य अधिकारी के पद पर तैनात मुकुन्द राव बंसोडकर को जबलपुर लोकायुक्त टीम ने 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। सिवनी के केवलारी तहसील के ग्राम पांडीवाड़ा(थाना उगली) निवासी आवेदक देवीप्रसाद पिता स्वर्गीय जगन्नाथ राहंगडाले(49) ने शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री मत्स्य योजना के अंतर्गत अपने खेत में मत्स्य पालन हेतु तालाब निर्माण कार्य करवाया गया है, जिसके मछली बीज एवं चारा खरीदी की सब्सिडी के संबंध में मत्स्य विभाग के सहायक मत्स्य अधिकारी मुकुंद राव बंसोडकऱ द्वारा सब्सिडी प्रदाय किए जाने के एवज में 20,000 रुपए रिश्वत की मांग की गई। इस शिकायत के सत्यापन उपरांत 21 सितंबर की दोपहर सहायक मत्स्य अधिकारी मुकुंदराव बंसोडकऱ को चाय दुकान के सामने बाहुबली चौक सिवनी में बीस हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
जुलाई 2024 में सिवनी के विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेने वाले पटवारी को चार साल की जेल और 5,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया था। शिकायतकर्ता कृष्ण कुमार डेहरिया ने बताया था कि पटवारी दीपक गेडाम ने जमीन रिकॉर्ड में नाम संशोधन करने के बदले आठ हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार किया। विशेष न्यायालय ने अपराधिक अधिनियम के तहत सजा सुनाई थी। दिसंबर 2023 में लोकायुक्त की टीम ने सिवनी के बीज निगम कार्यालय में बीज प्रमाणीकरण अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा था। शिकायतकर्ता शिवनाथ चंद्रवंशी ने बीज प्रमाणीकरण अधिकारी तृष्णा चौहान को 20,000 रुपये की रिश्वत दी थी। 29 मार्च 2023 को सिवनी जिले के मुंगवानी विद्युत वितरण केंद्र में पदस्थ जेई जगदीश परिहार को लोकायुक्त की टीम ने 10 हजार रुपयों की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इन्होंने ठेकेदार सुरेंद्र ठाकुर से किसान के खेत में पंप लगाने के लिए स्टीमेट बनाने के लिए रिश्वत मांगी थी, जिस पर शिकायत मिलने पर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की। जुलाई 2022 में जबलपुर लोकायुक्त ने पंचायत समन्वयक को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। सतेंद्र सिंह राजपूत ग्राम पोतलपानी निवासी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्राम पंचायत के तहत सीसी रोड एवं नाली निर्माण कार्य कराया गया था, जिसका शेष भुगतान 1,96,000 रूपये बाकी था। इस भुगतान को करने के लिए पंचायत समन्वयक सुमेरसिंह उइके ने उनसे 15 हजार रूपये की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से लोकायुक्त के दल ने जिला मुख्यालय में जिला अस्पताल के सामने पंचायत समन्वयक को गिरफ्तार किया था।