तेज हवाओं के साथ बारिश, ओलावृष्टि का असर खेतों में साफ दिखाई दे रहा है। कई क्षेत्रों में किसानों ने सर्वे की भी मांग की है। बारिश और ओलावृष्टि से हुए इस नुकसान के बाद किसानों को अब सरकार से मदद की दरकार है। किसानों का कहना है कि पल भर में उनकी मेहनत पर पानी फिर गया। ऐसे में उन्हें सरकार से कुछ मुआवजा मिलना चाहिए।
किसानों की गेहूं और चने की फसल कट कर खेत में पड़ी है। अन्नदाता का कहना है कि बूंदाबांदी से फसलों को काफी नुकसान हो रहा है। कुछ फसल खेत में कटी हुई पड़ी है और कुछ खेत में तैयार खड़ी है। बारिश ज्यादा होती है तो बहुत ज्यादा नुकसान हो जाएगा।
जिले के कई क्षेत्रों में हो रही बारिश को देखते हुए किसान सजग हो गए हैं। शुक्रवार को खेत में किसान मजदूरों को लाकर फटाफट अपनी फसल को निकालने में जुट गए। इस काम में पूरा परिवार भी लगा रहा।
विद्युत व्यवस्था भी लडखड़़ाईबिनैकी. क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर आंधी तूफान के साथ बारिश हुई। वहीं बड़े-बड़े आकार के ओले गिरे। बारिश के साथ ओले गिरने से गेहूं, सब्जी, आम की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। मार्च माह में अचानक बदले मौसम से किसानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है। आंधी की वजह से विद्युत व्यवस्था भी लडखड़़ा गई। कई जगह विद्युत तार टूट गए। इससे बिजली सप्लाई बाधित रही। बरेला सहित आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार को पूरे दिन मौसम के कई रंग देखने को मिले। कभी बादल तो कभी बारिश तो कभी हल्की धूप रही।