पत्रिका अमृतम जलम : मुडऩा को बचाने की पहल, पानी में उतरकर की सफाई
नदी व जल संरक्षण का समाजसेवियों ने लिया संकल्प , कहा- निरंतर चलाएंगे अभियान


शहडोल. अपना अस्तित्व खोते जा रहे प्राकृतिक जलस्त्रोतों को बचाने व भविष्य को देखते हुए जल संरक्षण की महती आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए जन जन को प्रेरित करने पत्रिका अमृतं जलम अभियान चला रही है। प्रशासन, राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन, युवाओं व आमजन को साथ लेकर पत्रिका जल संरक्षण व प्राकृतिक जल स्त्रोतों के संवर्धन के लिए अभियान चला रही है। इसी अभियान के तहत रविवार को मुख्यालय से होकर बहने वाली नगर की जीवन रेखी मुडऩा नदी को बचाने समाजसेवियों ने पहल की है। अटल कामधेनु गौ सेवा संस्थान के सदस्य व समाजसेवियों ने न केवल जल संरक्षण का संकल्प लिया बल्कि स्वच्छता अभियान भी चलाया। अभियान के तहत अटल कामधेनु गौ सेवा संस्थान के सदस्य व समाजसेवी रविवार की सुबह कल्याणपुर रोड स्थित वृद्धाश्रम के समीप मुडऩा नदी घाट पहुंचे। यहां सभी ने मिलकर घाट की सफाई की। सफाई के बाद जो पानी रुका हुआ था वह प्रवाहित होने लगा। नदी में पड़ी पॉलिथिन, कचरा, पूजन सामग्री सहित अन्य गंदगी को सभी ने मिलकर साफ किया। इस दौरान वरिष्ठ शिक्षक देवेन्द्र श्रीवास्तव, गौ सेवक गौरव राल्ही मिश्रा, पूर्व पार्षद इशहाक खान, क्रिस्टी अब्राहम सहित उनके सहयोगियों ने श्रमदान किया।
जगह-जगह अतिक्रमण, गंदगी से पटी नदी
नगर से होकर गुजरने वाली मुडऩा नदी कभी नगर वासियों के लिए जीवन दायनी थी। इसके पानी का उपयोग न केवल आम निस्तार के लिए होता था बल्कि इससे कई क्षेत्रों में जलापूर्ति भी होती थी। समय के साथ यह दूषित होती गई और अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से उपेक्षित नदी के दोनो पाटों में अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। शहर का पूरा गंदा पानी इसी में मिलता है। रही सही कचर लोग इसमें कचरा डालकर पूरा कर रहे हैं। इस ओर न तो प्रशासन का ध्यान जा रहा है और न ही जनप्रतिनिधि इसे बचाने आगे आ रहे हैं।
हर सप्ताह करेंगे सफाई
मुडऩा नदी को स्वच्छ बनाने व जल संरक्षण के लिए सभी लोगों ने मिलकर शपथ ली। साथ ही समाजसेवियों ने कहा कि वह हर सप्ताह मुडऩा के अलग-अलग घाटों में अभियान चलाकर सफाई करेंगे। इसके लिए अन्य सामाजिक संगठनों व आमजन को प्रेरित करेंगे कि वह नगर की जीवन रेखा कही जाने वाली मुडऩा के अस्तित्व को बचाने आगे आए।
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