मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी दे दी है। इस अभयारण्य का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर, बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर होगा, जिससे कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर तक फैलेगा। इसके अलावा, यहां एक नर और एक मादा बाघ को छोड़ा जाएगा, जिससे बाघों की संख्या में वृद्धि होगी।
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मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में हाल ही में पांच और चीतों को छोड़ा गया है। यह गौरव की बात है कि पहले छोड़े गए चीतों ने मध्य प्रदेश में शिकार और प्राकृतिक जीवन अपनाना शुरू कर दिया है। कूनो में छोड़े गए चीतों में से तीन ने यहीं जन्म लिया है, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।
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माधव टाइगर रिजर्व के निर्माण से चंबल अंचल में वन्यजीवों की समृद्धि बढ़ेगी। इससे बाघों की सुरक्षा, जंगलों के संरक्षण और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सीएम मोहन यादव के निर्देश पर एनटीसीए को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। माधव टाइगर रिजर्व बनने के बाद यह क्षेत्र पर्यावरण और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक नया आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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बता दें कि देश में सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश में हैं। प्रदेश में अब तक कुल 8 टाइगर रिजर्व हैं। इनके नाम कान्हा टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, संजय डुबरी टाइगर रिजर्व, पन्ना टाइगर रिजर्व, रातापानी टाइगर रिजर्व और वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व है। इसके अलावा मध्य प्रदेश देश में बाघों का घर माना जाता है। यहां बाघों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। साल 2023 में जारी आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में कुल 785 बाघ हैं।