दो बच्चों का था पिता, पत्नी को पीहर छोड़ लगाया मौत को गले
मृतक रामरतन एक बेटे व एक बेटी का पिता था। बेटा दादा—दादी के पास था। बेटी व पत्नी को वह आत्महत्या से पहले ही ससुराल छोड़ आया था। ससुराल से दोपहर में लौटकर उसने नजदीकी लोगों से मुलाकात भी की। इसके बाद रात को उसने जहरीला पदार्थ खाया। पास रहने वाला भाई धर्मेंद्र जब घर पहुंचा तो वह बेसुध हालत में मिला। एसके अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पत्नी को लिखा: माफ करना, वचन नहीं निभा सका
सुसाइड नोट में उसने पत्नी संतोष से माफी मांगी। लिखा कि ‘संतोष मेरे को माफ करना जो मैं तेरे से किए हुए वचन को नहीं निभा सका। मुझे क्या मालूम था कि मैं किसी कि बातों में आकर इस तरह उलझ जाऊंगा।’ भाई धर्मेंद्र को परिवार संभालने की जिम्मेदारी भी सौंपी।
लोगों ने जताया आक्रोश
घटना के बाद कॉलोनी के लोगों ने एसके अस्पताल में आक्रोश जताया। उन्होंने पंकज के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने के साथ मृतक के नाम पर उठाए गए लोन माफ करने की मांग की। सुरेश व राजेश सैनी ने बताया कि मृतक फतेहपुर रोड पर पिंक हाउस की गली में एल्युमिनियम व कांच के कारखाने पर काम करता था। उसके मालिक पंकज ने ही उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। ऐसे में उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
40 से 45 हजार की किश्त
सुसाइड नोट के मुताबिक पंकज के लोन पर 40 से 45 हजार रुपए की किश्त आ रही थी, जो वह नहीं चुका रहा था। लोन रामरतन के नाम होने की वजह से एजेंट उसे परेशान कर रहे थे। पंकज के नाम ही लिखे नोट में उसने लिखा कि भाईजी आप ऑनलाइन लोन पर लोन लेते रहे। दूसरों से ब्याज पर भी रुपए मंगवा लिए, लेकिन जब चुकाने की बारी आई तो रंग दिखा दिया। मेरे बच्चों के अनाथ होने का कारण आप ही होंगे। पत्र में उसने केंद्र सरकार से लोगों के रूपए जमा कर भागने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।