फायदा: कम समय में सुरक्षित सफर
प्रस्तावित योजना में रींगस से खाटूश्यामजी तक 17.9 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई जानी है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार 160 किमी प्रति घंटे की गति के लिए ट्रेक की मजबूती के अलावा सिग्नलिंग व फेंसिंग सहित सुरक्षा के पुता इंतजाम किए जाते हैं। ऐसे में नई डीपीआर से रींगस से खाटूश्यामजी तक का सफर कम समय में पूरी सुरक्षा के साथ होगा।254.06 करोड़ का बजट है स्वीकृत
रींगस से खाटूश्यामजी रेल लाइन के लिए केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में 254.06 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था। रेलवे लाइन के सर्वे के साथ रेलवे ने स्टेशन की जगह भी तय कर ली थी। इसी बीच स्थानीय लोगों के विरोध के बीच कार्य रुक गया था। अब रेलवे ने फिर से ट्रेक निर्माण कार्य को गति दी है।राजस्थान में बिछेगी 96 KM लंबी नई रेल लाइन, पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ेगा ये जिला, इन गांव-कस्बों के लोगों को मिलेगा लाभ
खाटूश्यामजी से पलसाना का भी सर्वे
इधर, रेलवे ने खाटूश्यामजी से पलसाना तक रेलवे लाइन बिछाने की संभावना भी तलाश रहा है। इसके लिए रेलवे खाटूश्यामजी से पलसाना तक करीब 17.98 किमी का सर्वे कर रहा है। रसीदपुरा से सालासर रेलवे लाइन के साथ इस सर्वे के लिए 1 करोड़ 12 लाख 50 हजार रूपए का बजट स्वीकृत किया गया है। यदि दोनों रेलवे लाइन बिछती है तो खाटूश्यामजी तक का मार्ग सुगम होने के साथ जिले में रेलवे का खाटूश्यामजी, जीणमाता व सालासर बालाजी का एक नया धार्मिक पर्यटन सर्किट भी पूरा हो जाएगा।यह भी पढ़ें
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काम शुरू कर दिया है
रींगस से खाटूश्यामजी रेलवे लाइन के लिए नई डीपीआर बनाई गई है। इसके तहत ट्रेक को 130 की बजाय अब 160 किमी प्रति घंटे की गति से ट्रेन संचालन योग्य तैयार किया जाना है। एलाइनमेंट तय करने के साथ रेलवे ने ट्रेक का काम शुरू कर दिया है। दो साल में इसके पूरा होने की उमीद है।-गौरव गौड़, एडीआरएम, जयपुर मंडल