इन पर रहेगा जोर जांच के दौरान इन सभी सैम्पल में कृत्रिम रंग, वैक्स कोटिंग, स्वीटनर व अन्य प्रकार की जांच की जाएगी। प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी गोदाम में एसीटिलीन(कैिल्शयम कार्बाइड ) की मौजूदगी का पता लगाने के लिए 15 बार ऑनस्पॉट जांच करेंगे। जिसकी सूचना आयुक्तालय को फौरन देनी होगी। जिसके बाद संबंधित फर्म या मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अभियान के पहले दिन शनिवार को सीकर कृषि उपज मंडी में टीम ने सेव, आम, केले और अंगूर के सेम्पल लिए। सभी सेम्पल को जांच के लिए जयपुर भेजा गया।
लीवर होता है खराब चिकित्सकों के अनुसार फलों में मिले हानिकारक केमिकल और कीटनाशक जैसे डीडीटी और बीएचसी जैसे नॉन डीग्रेडेबल बायोलॉजिकल कंपाउंड से लीवर को सर्वाधिक नुकसान होता है। कई के शरीर में कोशिकाओं में बेकाबू बढ़ोतरी होने लगती है। जिससे कैंसर जैसी असाध्य बीमारी होने का हर समय खतरा रहता है। फल-सब्जियों को जल्दी पकाने या बेहतर दिखाने के लिए रसायनों का जमकर उपयोग किया जाता है। कद्दू और लौकी सहित अन्य सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए कुछ जगह ऑक्सीटोसिन हार्मोन का इंजेक्शन लगाया जाता है जो शरीर की हडडियों को कमजोर करता है। वहीं केला और आम जैसे फलों को पकाने के लिए कार्बाइड का प्रयोग होता है। अनार, तरबूज में भी लाल रंग लाने के लिए केमिकल प्रयोग किए जाते हैं।