मुआवजा माफिया का कारनामा
- 5 गांव बंधा ग्राम पंचायत में
- 4671 मकान मुआवजे के लिए बनाए गए
- 3362 मकान प्रारंभिक चरण में मुआवजे से बाहर
- 355 करोड़ रुपए का मुआवजा भी बन चुका था
- 5811 मकानों का हो चुका निर्माण
जमींदोज करने के निर्देश दिए
बंधा कोल ब्लॉक में 3000 से अधिक मकानों को अवार्ड से बाहर किया गया है। अब इन मकानों को जमींदोज करने के लिए निर्देश दिया है। बंधा कोल ब्लाक में 812 मकान पुराने मिले हैं। शेष मकान सभी मुआवजे की लालच में बाहर के लोगों ने निर्माण कराए थे। – चंद्रशेखर शुक्ला, कलेक्टर सिंगरौलीभवन के भौतिक सत्यापन में हुआ खुलासा
ग्रामीणों (Singrauli Bandha Village) की मानें इन मकान मालिकों की जानकारी किसी को नहीं है। सरपंच देवेंद्र पाठक बताते हैं कि बंधा में मात्र 812 ही पुश्तैनी मकान थे। शेष मकान बाद में बने। 355 करोड़ रुपए मुआवजा भी तैयार हुआ। कलेक्टर ने भवनों के सत्यापन कराए तो गड़बड़ी के चलते 3362 मकानों को अवार्ड से बाहर कर दिया।नियम और शर्तें भी दरकिनार
जब कोई व्यक्ति लाखों रुपए खर्च कर मकान(fake house scam Singrauli) बनवाता है, तो उसकी प्राथमिकता होती है कि वह शहर या कस्बे में हो, जहां आवागमन के अच्छे साधन हों। स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए। लेकिन, जिले में जब औद्योगिक कंपनियां या नेशनल हाइवे निर्माण का प्रस्ताव आता है, तो मुआवजा माफिया(Coal Company fake compensation) सक्रिय हो जाते हैं। इन माफिया द्वारा क्षेत्र की जमीन का मूल्य बढ़ा दिया जाता है, जिससे स्थानीय लोग प्रभावित होते हैं।ये भी पढें – 100 करोड़ बर्बाद, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एमपी का ये बांध