उसे पार्लर के सामान के लिए रुपयों की जरूरत थी तो लगभग एक वर्ष पहले उसकी जानकारी ऊषा सिन्धी से हुई। उसने ऊषा को रूपयों की जरूरत के बारे में बताया जिस पर ऊषा ने उसे
ब्याज पर 50 हजार रुपए उधार दे दिए। रकम उतारने के लिए वह ऊषा को 30 हजार रुपए प्रतिमाह देती रही। इस पर ऊषा ने कहा कि यह रुपए केवल ब्याज में जा रहे हैं। इस पर उसने 1.5 लाख रुपए का सामान भी ऊषा को दे दिया। उसके बाद ऊषा ने उसका प्लाट 5 सौ रुपए के स्टाम्प पर लिखा पढ़ी कर रख लिया तथा 6 चेक ले लिए, जिनमें चार चेक उसके व दो चेक उसके पति किशनलाल के खाते के थे।
5 तोला सोने के आभूषण भी दिए
इसके बाद ऊषा सिन्धी रोज उसके पास रुपए वापिस करने का तकादा करती रही। इस पर उसने कुल 5 तोला सोने के आभूषण व दो जोड़ी पायजेब ऊषा सिन्धी को दे दिए। इसके बावजूद ऊषा ने उसकी तरफ 3 लाख रुपए बकाया निकाल दिए। तब उसने कहा कि अब उसके पास और रुपए नहीं हैं। इस पर ऊषा ने अपने देवर दीपू सिन्धी से उसे, पति व बच्चों को जाने से मार देने की धमकी दिलाई। उसके बाद से वह रोज उसे मारने की धमकी देती व टॉर्चर करती रही।
तंग आकर फांसी लगाने का किया प्रयास
आरोप है कि अब ऊषा व दीपू सिन्धी उसे व उसके पति को जान मरवाने की धमकी दे रहे हैं। तंग आकर 25 जनवरी को दिन में करीब 12:30 बजे मरने के लिए वह फांसी लगाने लगी तो मौके पर उसका पति आ गया तथा उसने उसे बचाया और चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया, जहां उसकी हालात गंभीर होने पर उपचार के लिए श्रीगंगानगर रेफर कर दिया। महिला के बयान के अधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।