script72 करोड के कर्ज तले दबे जिले के 36 हजार किसान,18 हजार के करीब डिफाल्टर | 37 thousand farmers of the district are burdened with a debt of Rs. 72 crores, around 18 thousand are defaulters | Patrika News
टीकमगढ़

72 करोड के कर्ज तले दबे जिले के 36 हजार किसान,18 हजार के करीब डिफाल्टर

सहकारी मर्यादित केंद्रीय बैंक।

टीकमगढ़Feb 21, 2025 / 10:33 am

akhilesh lodhi

सहकारी मर्यादित केंद्रीय बैंक।

सहकारी मर्यादित केंद्रीय बैंक।

वर्षों से ऋण जमा नहीं करने वाले किसानों को किया चिन्हित, वसूली के लिए बनाई जा रही योजना

टीकमगढ़. जिले का किसान हर वर्ष कर्ज के बोझ के तले दबता जा रहा है और वह इस कर्ज से बाहर नहीं निकल पा रहा है। खरीफ और रबी सीजन में कृषि लाभ को लेकर दिए गए ऋण को चुकाने में किसानों को पसीना छूट रहा है। जबकि शून्य ब्याज पर कृषि के लिए बैंकों ने ऋण दिया है। अब ऐसे १८ हजार के करीब किसानों को बैंकों ने डिफाल्टर घोषित कर दिया है।
बताया गया कि टीकमगढ़ में ६४ और निवाड़ी में २३ प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं संचालित है। इस संस्थाओं से ५५ हजार से अधिक किसानों ने राज्य और केंद्र की विभिन्न योजनाओं से शून्य ब्याज पर कम समय के नाम पर ऋण लिया है। लिए गए ऋण को चुकाने में किसान बैंकों से दूरी बना रहे है। सबसे ज्यादा परेशानियां उन किसानों को हो रही जो डिफाल्टर की श्रेणी में आ गए है। ऐसे किसानों की सूची बैंकों ने तैयार कर ली है। आगामी समय में इन किसानों से ऋण की राशि को वसूला जाएगा।
कर्ज से उभर नहीं पा रहा किसान
जिले का किसान कर्ज के बोझ से निकल नहीं पा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में किसानों को करीब ७२ करोड का कर्ज दिया गया है। इसकी राशि भी जमा नहीं की गई है और रबी सीजन में ३५ करोड रुपए का कर्ज वितरण किया है। हालांकि बिना कर्ज के किसान कोई कार्य नहीं कर पा रहे है। सहकारिता विभाग के आंकड़े देखे तो जिले का अन्नदाता कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। एक से छह साल तक ऋण जमा नहीं करने वालों के आंकड़े देखे तो ५५ हजार किसान कर्ज के बोझ से पीडि़त है।
इन योजनाओं पर मिलता है ऋण
कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की योजना अनुसार किसानों के लिए ऋण योजनाएं चलाई जा रही है। इस योजनाओं के तहत किसानों को अल्पकालीन समय के लिए ऋण दिया जाता है। ऋण देने के लिए सहकारी और बैंक कई तरह की योजनाएं चलाती है। इसमें प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री कृषि ऋण योजना, केंद्रीय ब्याज अनुदान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पीएम किसान सम्मान निधी जैसी कई योजनाए है।
तीन साल से प्रभावित हो रही वसूली
सहकारी मर्यादित केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी में बताया कि अल्प समय के लिए शून्य ब्याज में किसानों को दिया गया लोन वसूल नहीं पा रहे है। उन्होंने बताया कि किसान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से ऋण ले लते है। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचते है तो उसमें ऋण की राशि कट जाती है। लेकिन तीन साल से सरकारी दामों से अधिक राशि में गेहूं बाजार में व्यापारियों द्वारा नकद में खरीदा जा रहा है। इस कारण से किसान समर्थन मूल्य पर अनाज नहीं बेच रहा है। इस कारण से व्यापारियों से मिली राशि घर में उपयोग कर रहा है। इस कारण से ऋण की राशि आए दिन बढ़ रही है। सहकारी बैंक के ३७ हजार ऋणी और १८ हजार के करीब डिफाल्टर के साथ अन्य बैंकों से डेढ लाख से अधिक किसान किसान क्रेडिट कार्ड बनवाए है।
फैक्ट फाइल
३७ हजार जिले में ऋणी किसान
१८ हजार के करीब डिफाल्टर किसान
६४ टीकमगढ़, २३ निवाड़ी में सहकारी समितयां
७२ करोड चालू वर्ष में वितरण किया गया कर्ज
१४ करोड बैंकों के माध्यम से हुई वसूली
३७.८५ करोड खरीफ सीजन में वितरण किया गया कर्ज
३५ करोर्ड रबी सीजन में हुआ वितरण
इनका कहना
शासन की योजनाओं के तहत अल्प समय के लिए दिए गए ऋण वाले किसानों को चिन्हित किया जा रहा है। उन ऋणी किसानों से वसूली का कार्य किया जा रहा है। कई किसान ऐसे है, जो समय पर ऋण चुका देते है। खरीफ और रबी सीजन में जो वितरण किया गया है। उसके लिए वसूली अभियान चलाया जाएगा।
राजेश श्रीवास्तव, महाप्रबंधक सहकारी मर्यादित केंद्रीय बैंक टीकमगढ़।

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