लोगों की सुविधा के लिए बनवाई जा रही मंडी अब असुविधा का कारण बनने लगी है। नगर की सब्जी मंडी निर्माण के लिए नगर परिषद द्वारा डेढ़ साल पहले 68 लाख रुपए की लागत से ठेका दिया गया था। यह काम केजीएन डेवलपमेंट कंपनी को 3 माह में पूरा करना था, लेकिन अब तक ठेकेदार चबूतरों का निर्माण भी पूरा नहीं कर सके हैं। ऐसे में पिछले डेढ़ साल से मंडी कृषि उपज मंडी में संचालित हो रही है। इससे न केवल आमजन परेशान हैं, बल्कि सब्जी लेकर आने वाले किसानों को भी परेशान होना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि यहां पर प्रत्येक बुधवार को साप्ताहिक हाट बाजार लगता था। इसमें पूर क्षेत्र के किसान जहां सब्जी लेकर आते थे, वहीं अन्य व्यापारी भी अपनी दुकानें लगाते थे, लेकिन कृषि उपज मंडी में अब यह बाजार लगने से दुकानदारों की संख्या काफी कम हो गई है। ऐसे में आमजन भी परेशान हैं।
मंडी की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल वहीं कृषि उपज मंडी में लगने वाले सब्जी मंडी से यहां की सुरक्षा को लेकर मंडी कर्मचारी परेशान हैं। मंडी इंस्पेक्टर धर्मेंद्र अहिरवार का कहना है कि यहां पर सब्जी मंडी लगने से सुरक्षा को खतरा है। इसे लेकर वह कई बार एसडीएम, तहसीलदार के साथ ही नगर परिषद को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उनका कहना था कि यह जगह सब्जी मंडी के लिए नहीं है, लेकिन जबरदस्ती यहां पर बाजार लगाया जा रहा है। जिससे आम जन परेशान हैं।
ठप्प हो गया बाजार इस मामले में नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष सुनील खटीक, पूर्व पार्षद अवध किशोर नापित, पार्षद मुकेश यादव, रामकिशोर कुशवाहा सहित अन्य लोगों का कहना था कि इस लापरवाही से सब्जी मंडी के साथ ही साप्ताहिक हाट बाजार का क्रेज पूरा खत्म हो गया है। उनका कहना था कि डेढ़ माह में तीन माह का काम न होना गंभीर लापरवाही है।
इनका कहना है &ठेकेदार को एक बार तीन माह की समय वृद्धि दी गई थी। उसमें भी काम पूरा न होने पर उसे नोटिस जारी किया गया था। कल भी उसे अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा। यदि इसके बाद भी उसके द्वारा काम पूरा नहीं किया जाता है तो पीआईसी की बैठक में काम निरस्त कर दिया जाएगा।
– शिवी उपाध्याय, सीएमओ, नगर परिषद, पलेरा।