टीकमगढ़. शहर में संचालित आसरा गोसेवा केंद्र घायल गोवंश की सेवा की पहचान बन गया है। पिछले 15 सालों से इस सेवा में लगे शहर के एक दर्जन युवा अब तक कई घायल गायों की जान बचा चुके है। वर्तमान में आसारा गोशाला में 85 ऐसे गोवंश की सेवा की जा रही है जो दुर्घटनाओं में अपंग हो चुके हैं। आलम यह है कि जिले में कभी भी सड़क दुर्घटना में गायों के घायल होने पर लोग पशु चिकित्सकों को फोन न करते हुए इन गोसेवकों को याद करते हैं। आए दिन सड़क हादसों में घायल हो रहे गोवंश की पीड़ा से कुछ युवा इस कदर द्रवित हुए कि उन्होंने गोसेवा को अपना लक्ष्य बना लिया।
टीकमगढ़•Dec 19, 2024 / 06:12 pm•
Pramod Gour
टीकमगढ़. आसरा गोशाला में घायल गोवंश।
Hindi News / Tikamgarh / दुर्घटना होने पर डॉक्टर नहीं गोसेवकों को याद करते हैं लोग