नगर की सड़कों पर घूम रहे मवेशियों को व्यविस्थत करने, कचरा वाहन और अन्य वाहनों के लिए गैराज के साथ ही नपा कर्मचारियों के लिए आवास बनाने के लिए कलेक्ट्रेट के पीछे पड़ी नगर पालिका की 22 एकड़ जमीन को ङ्क्षचहित किया गया था। यहां पर 20 करोड़ की लागत से यह विकास कार्य किए जाने थे। लेकिन पिछले 6 माह से इसकी फाइल भोपाल में स्वीकृति के पड़ी है और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि नगर पालिका में चल रहे सीएमओ के विवाद के कारण विकास योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
गोशाला का होगा निर्माण शहर की सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों को रखने के लिए पांच एकड़ में गोशाला बनाई जानी थी। इसमें चारा उगाने के लिए जगह भी दी जानी थी। खाद बनाने के लिए प्लांट लगाया जाना था, लेकिन प्रयास नहीं होने से योजना पूर्ण नहीं हो पाई है। उसकी टेंडर प्रक्रिया होना बाकी थी।
जिला न्यायालय के पास भगत नगर रोड पर माधव स्मृति औषद्यीय उद्यान में वर्ष २००८ में जड़ी बूटी के पौधों का रोपण किया गया था। उसकी देखरेख नपा द्वारा की जा रही थी। कुछ सालों बाद उसके पौधे गायब हो गए। उसमें नपा का कबाड़ रखा जाने लगा। उस जगह को सुविधा युक्त बनाने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही से योजना सफल नहीं हो पाई है।
पांच एकड़ में बनना था पार्क २२ एकड़ के इस उद्यान में पांच एकड़ में पार्क का निर्माण किया जाना था। इसके साथ ही यहां पर नगर पालिका के वाहनों को सुरक्षित रखने के लिए गैराज बनाया जाना था। अब तक नपा के वाहन खुले में या फिर पानी की टंकी के नीचे खड़े किए जाते हैं। इसके साथ ही नगर पालिका के कर्मचारियों के लिए सुविधायुक्त आवास का निर्माण किया जाना था। इस क्षेत्र में पार्क बनने से लोगों को भी इसकी सुविधा होती। यहां पर विभिन्न प्रकार के दो हजार से अधिक पौधों का रोपण किया जाना था।
इनका कहना है &माधव स्मृति औषधीय उद्यान पार्क में २० करोड़ की लागत से पार्क, गोशाला, नपा कर्मचारियों के लिए आवास और वाहनों के गैराज बनाया जाना था। टेंडर प्रक्रिया के लिए फाइल को भोपाल स्वीकृति के लिए भेजा गया। कुछ कारणों के चलते नपा ध्यान नहीं दे पाई। जल्द ही मामले को आगे लाया जाएगा।
दीपक विश्वकर्मा, उपयंत्री नगरपालिका टीकमगढ़।