मामले की जानकारी देते हुए ललित मेहरा ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशन पर शुक्रवार को बहादुरपुर की उचित मूल्य की दुकान को मोहनगढ़ तहसीलदार द्वारा सील किया गया था। इसके बाद उन्होंने दुकान की जांच की थी।
इसमें पाया गया था कि गांव में नवंबर एवं दिसंबर का राशन बिल्कुल भी वितरित नहीं कराया गया है। वहीं पीओएस मशीन में कुछ पुराना राशन भी वितरित न होना बताया गया था। उनका कहना था कि मशीन में स्टॉक शेष होने एवं दुकान पर राशन न मिलने से साफ था कि इसे बाजार में बेच कर कालाबाजारी की गई है। इसके साथ ही वहीं पीओएस मशीन में कुछ पुराना राशन भी वितरित न होना बताया गया था। ऐसे में सेल्समैन जानकी शरण दांगी पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
इतना खाद्यान्न मिला कम ललित मेहरा ने बताया कि दुकान के भौतिक सत्यापन करने पर कुल 402. 22 ङ्क्षक्वटल गेहूं, कीमत 12 लाख 6 हजार, चावल 336.20 ङ्क्षक्वटल कीमत 13 लाख 44 हजार, शक्कर 2.41 ङ्क्षक्वटल कीमत 9640, नमक 11. 81 ङ्क्षक्वटल कीमत 17715 एवं मूंग 55 किलो कीमत 3025 रुपए कम पाया गया है। इस राशन को हितग्राहियों को वितरित न करते हुए बाजार में बेचा गया है। ऐसे में आरोपी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत मामला दर्ज कराया गया है। उनका कहना था कि इस मामले में तहसीलदार के साथ जांच कर प्रतिवेदन एसडीएम को दिया गया था।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी इस मामले में कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय का कहना था कि बहादुरपुर की दुकान से ग्रामीणों को राशन वितरण न होने की शिकायत सामने आई थी। इस पर जांच के बाद कार्रवाई कराई गई है। उनका कहना था कि अन्य जगहों से भी इस प्रकार की शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में खाद्य विभाग को जांच के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर श्रोत्रिय का कहना था कि राशन वितरण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राजस्व अधिकारियों को भी नियमित रूप से दुकानों का निरीक्षण कर खाद्यान्न वितरण को व्यवस्थित तरीके से कराने के निर्देश दिए गए हैं।