चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की गाडिय़ों में यह डीजल वर्ष 2023-24 व 2024-25 भरवाया गया। पत्रिका ने जब डीजल भरवाने के दस्तावेज निकलवाए तो कई गड़बड़झाला सामने आया। इस संबंध में जब चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से पूछा तो वे सब जवाब देने से बचते रहे।
बाकीयात की चिट्ठी पहुंची तो खुला गड़बड़झाला, विभाग ने छिपाया
मोटर गेराज ने पिछले दिनों चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को वाहनों में डीजल के करीब एक करोड़ की बाकीयात के संबंध में पत्र भेजा। तत्कालीन अधिकारी पत्र देखकर चौंक गए, क्योंकि विभाग से प्रतिदिन गाडिय़ों में डीजल भरवाने व प्रतिदिन पेमेंट किया जा रहा था। उन्होंने वापस मोटर गेराज को पत्र लिखकर जानकारी दी। गेराज की तरफ से एक शीट पेश की गई, जिसे देखते ही गड़बड़झाले का खुलासा हो गया। विभाग में वहां छोटे से बड़े अधिकारियों कर्मचारियों से इसका पता लेकिन सभी ने इसे छिपा दिया।
अधिकारियों के अलावा किसी भी वाहन की एन्ट्री ही नहीं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में सीएमएचओ व डिप्टी सीएमएचओ के पास दो वाहन है। इन दोनों वाहनों की लॉग बुक मौजूद है, लेकिन अन्य वाहनों की लॉग बुक ही नहीं है। इसके अलावा इन वाहनों में डीजल भरवाने के लिए जो प्रति मोटर गेराज को भेजना बताया जा रहा है, उनकी प्रतियांं भी सीएमएचओ कार्यालय में मौजूद नहीं है।
गड़बडिय़ां ऐसी-ऐसी, जांच हुई तो खुलेगा बड़ा राज
– चिकित्सा विभाग में बाकीयात में ऐसे कई वाहन शामिल है, जिनमें महज दो दिनों में पांच-पांच हजार का डीजल भरवाया गया, जबकि वे वाहन शहर से बाहर ही नहीं गए। उन वाहनों का काम वीआईपी ड्यूटी में जाना, मौसमी बीमारियां होने पर शहर में घूमना, फूड सेम्पल में साथ रहना, खेलकूद प्रतियोगिता में ग्राउंड पर खड़े रहना, एग्जाम ड्यूटी में मौजूद रहना ही है। ऐसी स्थिति इतना डीजल कहां फूंका गया। – सीएमएचओ कार्यालय में जो बाबू वाहनों को वाहनों को संधारण करता है, उसकी हकीकत में ड्यूटी नाई चिकित्सालय में है और वो बरसों से सीएमएचओ कार्यालय में लगा हुआ है। – मोटर गेराज को अब तक डीजल का प्रतिमाह जो भी भुगतान किया गया, उसका विभाग के पास रिकॉर्ड ही नहीं है।
– डीजल का किसी तरह का बिल बिना लॉग बुक में चढ़े व ड्राइवर के प्रमाणित किए, पास नहीं हो सकता है, इतने सालों में मोटर गेराज को बिना लॉग बुक पेमेंट कैसे हुआ, यह जांच का विषय है।
– कई बिलों में फर्जी प्रमाणीकरण से भी भुगतान होने की संभावना जताई गई है।
इनका कहना है
इसकी मुझे जानकारी नहीं है। मेरे पास इस संबंध में कोई जांच के लिए फाइल नहीं आई है। ऐसा कुछ होता है तो जांच करवाई जाएगी। प्रकाश शर्मा, संयुक्त निदेशक, चिकित्सा विभाग