गिरिजा व्यास : शिक्षक से केंद्रीय मंत्री तक का सफर
1- गिरिजा व्यास का जन्म 8 जुलाई 1946 को कृष्ण शर्मा-जमुना देवी व्यास के घर हुआ था।2- दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट उपाधि प्राप्त करके उन्होंने सुखाड़िया विश्वविद्यालय में अध्यापन शुरू किया।
3- उन्होंने 8 किताबें लिखी, जिनमें से तीन में कविताएं हैं। ’एहसास के पार’ में उनकी उर्दू कविता हैं, ’सीप, समंदर और मोती’ में उनकी हिंदी और उर्दू कविताएं हैं, जबकि ’नॉस्टेल्जिया’ में अंग्रेज़ी छंद है।
5- 1985 में उदयपुर से विधायक निर्वाचित हुई और राज्य सरकार में मंत्री रही।
6- 1991 में उदयपुर लोकसभा से निर्वाचित हुई। प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव सरकार में उप मंत्री (सूचना और प्रसारण) रहीं।
7- 1993 में गिरीजा व्यास अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष बनीं।
8- 1996 में 11वीं लोकसभा के लिए पुन: निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल) हुई।
9- 1999 में 13वीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित (तीसरी बार) हुई।
10- 2001 से 2004 तक वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं।
11- 2005 में मनमोहन सरकार में 5वें राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। वे 2011 तक आयोग की अध्यक्ष रहीं।
12- 2009 में चित्तौड़गढ़ से 15वीं लोकसभा की सदस्य चुनी गईं।
13- 2018 में उदयपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाई।