scriptएमपी में 30 किलोमीटर लंबी टनल बनाकर बदल दिया जाएगा नदी का रास्ता | mp news river path will be changed by constructing a 30-kilometer long tunnel | Patrika News
उज्जैन

एमपी में 30 किलोमीटर लंबी टनल बनाकर बदल दिया जाएगा नदी का रास्ता

MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए दो परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। जो कि साल 2027 में पूरी होगी।

उज्जैनFeb 01, 2025 / 01:59 pm

Himanshu Singh

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MP News: मध्यप्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रुपए की परियोजनाएं तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि किसी नदी को दूषित होने से बचाने के लिए यह पहली योजना होगी। जिसमें सिंहस्थ-2028 में साधु-संतों के स्नान के लिए स्वच्छ जल तो मिलेगा ही साथ ही शहर भर में पानी सप्लाई किया जा सकेगा।

उज्जैन में 1650 करोड़ रुपए की दो परियोजनाएं


उज्जैन में शिप्रा नदी को स्वच्छ करने के लिए दो बड़ी परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसकी लागत 1650 करोड़ रुपए है। शिप्रा के पानी को स्वच्छ रखने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना बनाई गई है। इससे कान्ह नदी के गंदे पानी शिप्रा नदी में जाने से रोक लिया जाएगा।

30 किलोमीटर दूर होगी डंप होगा दूषित पानी


दूषित पानी को टनल और क्लोज डक्ट से डायवर्ट करके 30 किलोमीटर दूर गंभीर नदी में डंप किया जाएगा। वहीं, शिप्रा नदी के प्रवाह बनाए रखने के लिए सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का कार्य जारी है। इसके लिए सेवरखेड़ी के पास एक बैराज से पानी छोड़कर सिलारखेड़ी डैम में भेजा जाएगा।

डैम में स्टोर किया जा रहा पानी


51 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी स्टोर करने वाले डैम को 25 मीटर तक बढ़ाया जा रहा है। बारिश के बाद इस पानी को शिप्रा नदी में छोड़ दिया जाएगा। जिससे नदी के पानी लगातार प्रवाह बना रहेगा। इस परियोजना को पूरी करने के लिए 2027 की डेडलाइन रखी गई है। इसका मेंटेनेंस 15 साल तक एजेंसी करेगी।

कितनी होगी लंबाई


कान्ह नदी डक्ट परियोजना की कुल लंबाई 30.15 किलोमीटर होगी। जिसमें 12 किलोमीटर टनल होगी। साथ ही 18.15 किलोमीटर कट एंड कवर का भाग शामिल होगा।

वर्टिकल खुदाई हुई पूरी, हॉरिजेंटल जारी


प्री-कास्ट सेगमेंट्स को कास्टिंग यार्ड से परियोजना के रास्ते तक लाने और पीसीसी बेड पर रखने तथा उन्हें जोड़ने का काम जल्द ही शुरू होगा। परियोजना के टनल हिस्से में चार शाफ़्ट हैं, जो कि ग्राम पालखेड़ी, चिंतामन जवासिया, बामोरा और देवराखेड़ी में स्थित हैं। शाफ़्ट नंबर 01 और 02 में वर्टिकल खुदाई का काम चल रहा है, जबकि शाफ़्ट नंबर 03 और 04 में वर्टिकल खुदाई पूरी हो चुकी है और अब हॉरिजेंटल खुदाई का काम जारी है।

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