एमपी के उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र में एक नया शहर विकसित किया जा रहा है। यहां सुविधायुक्त स्कूल, अस्पताल होंगे, चौड़ी सड़कें होंगी, भरपूर बिजली और पेयजल भी उपलब्ध रहेगा। उज्जैन विकास प्राधिकरण यानि यूडीए इसके लिए सर्वे पूरा कर चुका है। अगले 3 सालों में यह नगर आकार ले लेगा। यानि सब कुछ ठीकठाक रहा तो सिंहस्थ-28 से पहले सिंहस्थ क्षेत्र आधुनिक शहर के रूप में नजर आएगा।
राज्य सरकार द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र में अखाड़ों, साधु-संतों, महामंडलेश्वरों को स्थायी निर्माण की मंजूरी देने के बाद यहां व्यवस्थित शहर बसाने की योजना पर काम किया जा रहा है। यूडीए ने इसके लिए फील्ड व टेक्निकल सर्वे पूरा कर लिया है। करीब 2000 करोड़ रुपए से यह विकास किया जाएगा।
सिंहस्थ क्षेत्र में ऐसा होगा डेवलपमेंट
करीब 25 सौ हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जाएगा। यहां धर्मशाला, आश्रम, धार्मिक भवनों के साथ ही स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल भी बनेंगे। 60 से 200 फीट तक चौड़ी सड़कें बनाई जाएंगी।
सड़कों के डिवाइडर में पौधे लहलहाएंगे। अंडरग्राउंड सीवर सिस्टम, वाटर सप्लाई सिस्टम के साथ बारिश के पानी की निकासी की बेहतर सुविधा होगी। बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड होंगी। प्रमुख मार्गों पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे।
योजना के अंतर्गत साधु-संत, महामंडलेश्वर जमीन खरीद कर आश्रम बना सकेंगे। किसान भी यूडीए से जुडक़र साधु-संत, महामंडलेश्वर को भूमि दे सकेंगे। तय सीमा में साधु-संत, महामंडेलश्वर को स्थायी पक्के निर्माण की अनुमति दी जाएगी।
यूडीए के माध्यम से यहां बिजली, पानी, सड़क जैसी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। क्या होगा लाभ
सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थायी सुविधाएं उपल्ब्ध होंगी।
धार्मिक आयोजनों के लिए सुविधा मिलेगी।
मेला क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या कम होगी।
किसान व अन्य भूमिस्वामियों को अपनी जमीन के लिए नया विकल्प मिलेगा।
हरिद्वार की तरह उज्जैन में संतों के पक्के आश्रम बनेंगे।
नए विकसित शहर से उज्जैन पर नागरिक सुविधाओं का दबाव कम होगा।