अप्रैल 2025 में होगी अगली सुनवाई
सुनवाई में कहा गया कि रोपवे का निर्माण कार्य जिस स्थिति में है, उसी स्थिति में रहे और आगे कोई भी काम न हो। इसके साथ ही, शीर्ष अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी किया और संबंधित पक्षकारों को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल, 2025 में होगी।
हाईकोर्ट में की थी पहली अपील
दरअसल, अपीलकर्ताओं ने पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि संबंधित प्राधिकरण ने उनकी फ्री होल्ड संपत्ति में अवैध रूप से तोड़फोड़ की। साथ ही कहा कि न तो अपीलकर्ता की जमीन का अधिग्रहण किया गया और न ही किसी तरह का मुआवजा दिया गया, बावजूद इसके रोपवे के निर्माण कार्य उनकी संपत्ति पर शुरू कर दिया। हाईकोर्ट ने रोक लगाने से कर दिया था इनकार
हाईकोर्ट ने इस मामले में कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार सहित संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। याचिकाकर्ताओं को जब इस मामले में अंतरिम राहत नहीं मिली तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। अपील पर विचार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने न केवल नोटिस जारी किया बल्कि यथास्थिति बनाए रखने का भी निर्देश दिया।