पहला हादसा शनिवार तड़के करीब 3:45 बजे हुआ, जब प्रयागराज महाकुंभ से लौट रही एक इनोवा कार भारतपुर मोड़ के पास सड़क किनारे खड़े ट्रेलर से टकरा गई। इस भीषण टक्कर में राजस्थान के सांगानेर, जयपुर निवासी 37 वर्षीय विनय गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, उनकी पत्नी मोनिका गुप्ता, भाई पीयूष गुप्ता, भाभी पायल गुप्ता, चालक इमामउद्दीन, प्रमोद गुप्ता और कृष्णा गंभीर रूप से घायल हो गए।
इसके बाद, दूसरी घटना सुबह 4:20 बजे घटी, जब प्रयागराज जाने वाली लेन पर खड़ी एक बस में पीछे से तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में कार सवार 56 वर्षीय देवेंद्र कोहली की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी अमिता, बेटा अरुण और रोहित पुत्र विक्रमाजीत गंभीर रूप से घायल हो गए।
तीसरी दुर्घटना सुबह 5:30 बजे हुई, जब राजस्थान के धौलपुर जिले के सगतपुर थाना क्षेत्र से श्रद्धालुओं से भरी एक पिकअप कार प्रयागराज जा रही थी। जानकारी के मुताबिक गाड़ी भारतपुर मोड़ के पास रुकी, और कुछ श्रद्धालु नीचे उतरकर खड़े हो गए। इसी दौरान पीछे से आई तेज रफ्तार कार ने इन श्रद्धालुओं को जोरदार टक्कर मार दी। इस भीषण हादसे में 45 वर्षीय जसवंत पाल, 43 वर्षीय श्रीराम और 60 वर्षीय प्रेम सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, लीला देवी, कृष्ण कुमार, लक्ष्मण और राजेश गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों की स्थिति और उपचार
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को तत्काल जिला अस्पताल भेजा। इनमें से सात की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें कानपुर हैलेट के लिए रेफर किया गया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। एएसपी विजय शंकर मिश्र ने बताया कि इन तीन अलग-अलग सड़क हादसों में कुल पांच लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं।
महाकुंभ यात्रा से जुड़ी हादसों की बढ़ती संख्या
हमारे संवाददाता पंकज कश्यप ने बताया कि यह हादसा इस महीने में फतेहपुर जिले में महाकुंभ यात्रा से जुड़ी ग्यारहवीं बड़ी दुर्घटना है। अब तक इन हादसों में कुल 14 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, और लगभग 75 लोग घायल हो चुके हैं। इससे पहले, 6 फरवरी, 9 फरवरी, 12 फरवरी और 16 फरवरी को भी ऐसे कई हादसे हुए थे, जिनमें श्रद्धालु घायल हुए थे और कुछ की मौत भी हुई थी।
घटना का इतिहास:
6 फरवरी: एक हादसे में 14 श्रद्धालु घायल हुए थे, जिनमें से पांच की हालत गंभीर थी। 9 फरवरी: एक दुर्घटना में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और तीन घायल हो गए थे।सड़क सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत
स्थानीय प्रशासन की ओर से सड़क सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके और श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित हो सके। विशेष रूप से राष्ट्रीय हाइवे पर बढ़ते हादसों के आंकड़े चिंताजनक हैं। ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त सड़क सुरक्षा उपायों की जरूरत महसूस की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह के घटनाओं से बचा जा सके और महाकुंभ यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की जान की सलामती सुनिश्चित हो सके।