इसके अलावा, सीएम डैशबोर्ड पर वाराणसी कमिश्नरेट के प्रदर्शन को लेकर पुलिस आयुक्त ने प्रदेश में सातवां स्थान आने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि सुगम यातायात सुनिश्चित करना प्राथमिकता है और इसके लिए 35 चौराहों और व्यस्त स्थानों की हर दो घंटे में तीन स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। इसमें थाना, ट्रैफिक पुलिस और सीसीटीवी कंट्रोल रूम से फीडबैक लिया जाएगा।
इसके साथ ही, पुलिस कमिश्नर ने शहरी थानों में 20 प्रतिशत फोर्स को ट्रैफिक काम के लिए समर्पित करने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में आवेदक से संपर्क बनाए रखने और असंतुष्ट आवेदकों के असंतोष के कारणों को स्पष्ट रूप से दर्ज करने की भी बात कही। निस्तारण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जांच रिपोर्ट के अनुमोदन के बाद ही उसे अंतिम रूप देने का आदेश दिया गया।
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि सभी थानों में टॉप-10 अपराधी, हिस्ट्रीशीटर और बीट वितरण की सूची सार्वजनिक की जाए। इसके साथ ही, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, वित्तीय संस्थानों और नई कॉलोनियों में सीसीटीवी कैमरे की उपयोगिता को लेकर आमजन और व्यापारिक संगठनों को जागरूक किया जाए।
पुलिस कमिश्नर ने तेज लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर सख्त कार्रवाई की बात भी की और कहा कि ऐसे मामलों में जब्तीकरण के साथ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस बैठक में अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश कुमार सिंह, सभी डीसीपी, एडीसीपी और एसीपी भी मौजूद थे।