डीएम के आदेश: ऑनलाइन माध्यम से जारी रहेगा शिक्षण कार्य
जिलाधिकारी वाराणसी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सभी शिक्षण संस्थानों को ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित करना होगा। खंड शिक्षा अधिकारी और सभी निजी एवं मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रबंधकों को यह निर्देश दिया गया है कि वे ऑनलाइन शिक्षा को व्यवस्थित ढंग से लागू करें।
शिक्षकों को करना होगा स्कूल आना
हालांकि, इस आदेश के अंतर्गत केवल विद्यार्थियों को राहत दी गई है। शिक्षकों को विद्यालय आना अनिवार्य होगा ताकि ऑनलाइन शिक्षण में किसी प्रकार की बाधा न आए। बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने इस बारे में स्पष्ट किया कि शिक्षकों को स्कूल में उपस्थित रहकर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी। भीड़ नियंत्रण के लिए लिया गया अहम निर्णय
वाराणसी प्रशासन द्वारा यह निर्णय शहर में लगातार बढ़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है। विशेषकर धार्मिक आयोजनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटकों की भारी संख्या को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार, यह प्रतिबंध केवल शहरी क्षेत्र में लागू होगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल पूर्ववत खुले रहेंगे।
शहर में बढ़ती भीड़ से छात्रों को हो रही थी परेशानी
हाल के दिनों में वाराणसी में अत्यधिक भीड़ के कारण छात्रों को स्कूल जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। यातायात जाम और सार्वजनिक परिवहन में भीड़भाड़ के कारण अभिभावकों की ओर से प्रशासन को कई शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। ऑनलाइन शिक्षा को लेकर तैयारियां पूरी
ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
स्कूलों के लिए मुख्य निर्देश
- सभी कक्षाओं के लिए निर्धारित समय सारिणी के अनुसार ऑनलाइन कक्षाएं चलानी होंगी।
- शिक्षकों को छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।
- छात्रों के लिए असाइनमेंट और होमवर्क डिजिटल माध्यम से दिया जाएगा।
- ऑनलाइन कक्षाओं में आने वाली किसी भी तकनीकी समस्या को तुरंत रिपोर्ट करना होगा।
अभिभावकों की राय
इस फैसले पर अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ अभिभावकों का कहना है कि यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा के लिए सही है, जबकि कुछ का मानना है कि ऑनलाइन शिक्षा में पढ़ाई का स्तर प्रभावित हो सकता है।
अभिभावक अजय गुप्ता का कहना है, “हमारे बच्चे की सुरक्षा सबसे पहले है। शहर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए यह एक सही निर्णय है।” वहीं, एक अन्य अभिभावक सीमा वर्मा ने कहा, “ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चों का ध्यान भटक जाता है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह जरूरी कदम है।”
छात्रों की राय: ऑनलाइन शिक्षा कितनी प्रभावी?
बच्चों में इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ छात्र ऑनलाइन शिक्षा को सुविधाजनक मानते हैं, जबकि कुछ को इसमें कठिनाइयां महसूस होती हैं।
छात्र रोहन मिश्रा का कहना है, “ऑनलाइन क्लास में ध्यान केंद्रित करना कठिन होता है, लेकिन स्कूल जाने से बचने के लिए यह ठीक है।” वहीं, छात्रा पायल शर्मा का कहना है, “ऑनलाइन क्लास से हमें पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी, लेकिन हम स्कूल के माहौल को बहुत मिस करेंगे।”
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्कूल प्रशासन ने इस निर्णय का समर्थन किया है और कहा है कि वे ऑनलाइन शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। एक स्कूल प्रबंधक का कहना है, “हम छात्रों को सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए सभी संभव प्रयास करेंगे। शिक्षकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे पाठ्यक्रम को सुचारू रूप से पूरा कराएं।”