scriptजर्मनी की संसद में बगावत! फ़्रेडरिक मर्ज़ की हार से चौंका CDU-SPD गठबंधन,नहीं मिला नया चांसलर | Friedrich Merz Fails to Secure Majority in First Chancellor Vote | Patrika News
विदेश

जर्मनी की संसद में बगावत! फ़्रेडरिक मर्ज़ की हार से चौंका CDU-SPD गठबंधन,नहीं मिला नया चांसलर

Friedrich Merz Chancellor Vote Germany: जर्मनी के कंजरवेटिव नेता फ़्रेडरिक मर्ज़ पहली वोटिंग में चांसलर पद के लिए जरूरी बहुमत से छह वोट पीछे रह गए। यह जर्मनी के इतिहास में वर्ल्ड वॉर II के बाद पहली बार हुआ जब कोई चांसलर उम्मीदवार पहले राउंड में विफल रहा।

भारतMay 06, 2025 / 06:45 pm

M I Zahir

German Chancellor Election Friedrich Merz

German Chancellor Election Friedrich Merz

Friedrich Merz Chancellor Vote Germany: ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा के बाद जर्मनी की राजनीति (German politics 2025) में नया मोड़ आ गया है। जर्मनी में सीडीयू नेता फ़्रेडरिक मर्ज़ (Friedrich Merz) देश के अगले चांसलर बनने ( German Chancellor race) में नाकाम रहे हैं। मंगलवार को जर्मन संसद बुंडेस्टाग ( Bundestag vote) में हुए पहले गुप्त मतदान में उन्हें केवल 310 वोट मिले, जबकि बहुमत के लिए कम से कम 316 वोटों की आवश्यकता थी। संसद के कुल 630 सदस्यों में से मर्ज़ को बहुमत से छह वोट कम मिले। यह परिणाम राजनीतिक विश्लेषकों के लिए चौंकाने वाला रहा, क्योंकि मर्ज़ के बारे में व्यापक रूप से यह उम्मीद की जा रही थी कि वे ओलाफ शॉल्ज़ (Olaf Scholz) की विफल गठबंधन सरकार के पतन के बाद आसानी से चांसलर पद संभाल लेंगे। सीडीयू/सीएसयू ( CDU-CSU coalition) और मध्यम-वामपंथी एसपीडी (SPD) का गठबंधन पहले ही तय हो चुका था और उनके पास 328 सीटों का संख्या बल है।

लेकिन क्या हुआ? पहले दौर में:

3 सांसदों ने मतदान से परहेज किया (abstain किया)

1 मतपत्र अमान्य पाया गया

9 सांसद अनुपस्थित रहे,मर्ज़ का रास्ता मुश्किल

इससे मर्ज़ का रास्ता मुश्किल हो गया। संसद में दक्षिणपंथी पार्टी अफडी (AfD) पार्टी के सांसदों ने नतीजों पर तालियां बजाईं और खुशियाँ मनाईं। अफडी को हाल ही में हुए चुनाव में 20% से अधिक वोट मिले हैं।

जर्मनी की संसद में आगे क्या ?

अब संसद में दो और दौर की वोटिंग होंगी। अगर तीसरे और अंतिम दौर में कोई उम्मीदवार साधारण बहुमत (simple majority) प्राप्त कर लेता है, तो वह चांसलर बन जाएगा। यह मतदान ऐसे समय हुआ जब जर्मनी की द्वितीय विश्व युद्ध में बिना शर्त आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। यह पहली बार है कि युद्ध के बाद किसी चांसलर उम्मीदवार को पहले दौर में असफलता मिली है।

फ़्रेडरिक मर्ज़ की रणनीति

ओलाफ शॉल्ज़ की तीन-पार्टी गठबंधन सरकार के नवंबर में गिरने के बाद मर्ज़ सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने, सीमाओं की सुरक्षा बढ़ाने और प्रवासन पर सख्त रुख अपनाने का वादा किया है। उनकी प्रस्तावित सरकार पहले ही सैन्य ढांचे और बुनियादी ढांचे को पुनर्निर्माण के लिए एक बड़ा खर्च पैकेज पास कर चुकी है।

जब जर्मनी ii विश्व युद्ध में आत्मसमर्पण की वर्षगांठ मना रहा है

यह वोटिंग ऐसे समय पर हुई है जब जर्मनी द्वितीय विश्व युद्ध में बिना शर्त आत्मसमर्पण की 80वीं वर्षगांठ मना रहा है। संसद में दक्षिणपंथी पार्टी AfD को चुनावों में 20% से ज्यादा वोट मिले हैं और उसे जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने “चरम दक्षिणपंथी” पार्टी करार दिया है।

ओलाफ शोल्ज़ की जगह लेना चाहते हैं मर्ज़

मर्ज़ वर्तमान चांसलर ओलाफ शोल्ज़ की जगह लेना चाहते हैं, जिनकी तीन-पार्टी गठबंधन सरकार नवंबर में टूट गई थी। मर्ज़ ने देश में आर्थिक सुधार, सीमाओं की सुरक्षा और अप्रवासन पर कड़ा रुख अपनाने की बात कही है। उनकी सरकार पहले ही रक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़े खर्च की योजना को मंजूरी दे चुकी है।

लेकिन यह असफलता क्यों अहम है?

पहले दौर में समर्थन न मिलना यह दर्शाता है कि गठबंधन के भीतर भी दरारें मौजूद हैं और जनता में असंतोष बढ़ रहा है। खासकर ऐसे समय में जब जर्मनी की खुफिया एजेंसी ने AfD को एक “दक्षिणपंथी चरमपंथी” पार्टी करार दे दिया है। इस फैसले की अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) जैसे नेताओं ने आलोचना की है और जर्मनी पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।

बुंडेस्टाग के पास 14 दिन : अब क्या होगा ?

बुंडेस्टाग के पास अब 14 दिन हैं, जिसमें उसे किसी उम्मीदवार को पूर्ण बहुमत से चांसलर चुनना होगा। यदि ऐसा नहीं होता, तो राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर श्टाइनमायर (Frank-Walter Steinmeier) सबसे अधिक समर्थन पाने वाले उम्मीदवार को नियुक्त कर सकते हैं या संसद भंग कर के नए चुनाव की घोषणा कर सकते हैं।

जर्मनी में भारतीयों की संख्या

सन 2024 के आंकड़ों के अनुसार, जर्मनी में लगभग 2 लाख से अधिक भारतीय नागरिक और प्रवासी भारतीय रह रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग आईटी पेशेवर, छात्र, स्वास्थ्यकर्मी, और शोधकर्ता हैं।

Hindi News / World / जर्मनी की संसद में बगावत! फ़्रेडरिक मर्ज़ की हार से चौंका CDU-SPD गठबंधन,नहीं मिला नया चांसलर

ट्रेंडिंग वीडियो