काहिरा से जारी गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट
काहिरा से शनिवार को जारी बयान में ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि पिछले 24 घंटों के दौरान इजराइल के हमलों में कम से कम 79 शव अस्पतालों में लाए गए, जबकि यह आंकड़ा उत्तर ग़ाज़ा के उन हिस्सों को शामिल नहीं है, जहां पहुंचना असंभव हो चुका है। दो बच्चे अब भी मलबे के नीचे दबे हुए बताए जा रहे हैं।
इजराइली कार्रवाई पर मानवीय संगठनों में आक्रोश
मानवाधिकार संगठनों और मेडिकल यूनियनों ने इस हमले को “अकल्पनीय त्रासदी” और “युद्ध अपराध के कगार” पर बताया है। सोशल मीडिया पर डॉक्टर अला नज्जर के प्रति सहानुभूति और इजराइली कार्रवाई पर आक्रोश देखा जा रहा है।
चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई
ग़ाज़ा में हालात लगातार बदतर हो रहे हैं। एक ओर चिकित्सा व्यवस्था चरमराई हुई है, दूसरी ओर सुरक्षित आश्रय तक लोगों की पहुंच नहीं है। अस्पतालों की क्षमता खत्म हो रही है और स्टाफ खुद भी युद्ध का शिकार बनते जा रहे हैं।
‘जो दूसरों के बच्चों की जान बचाती थी, अपने बच्चे बचा न सकी’
डॉ. अला नज्जर की कहानी इस युद्ध की उन अनगिनत लोगों में से एक है, जहां डॉक्टर, शिक्षक, पत्रकार जैसे नागरिक लक्ष्य बनते जा रहे हैं। सवाल ये है कि जब डॉक्टर तक सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिक की क्या बिसात है?