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ईरान का अमेरिका पर पलटवार, डोनाल्ड ट्रंप के नए प्रतिबंध ठुकराए, क्यों ख़ारिज की बातचीत, जानिए

US Iran sanctions: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़ामेनेई का कहना है कि ‘अब अमेरिका के साथ बातचीत करना न तो स्मार्ट बात है, न ही अक्लमंदी की, और न ही यह सम्मानजनक ही है।’

भारतFeb 07, 2025 / 06:15 pm

M I Zahir

Ayatollah Ali Khamenei and Donald Trump

Ayatollah Ali Khamenei and Donald Trump

US Iran sanctions: ईरान (Iran) ने अपने तेल उद्योग के खिलाफ प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) की ओर से लगाए गए नए प्रतिबंध (sanctions) के लिए अमेरिका (United States) को घेरा है, जबकि सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Khameini) ने वाशिंगटन के साथ प्रस्तावित वार्ता के खिलाफ चेतावनी दी है। आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को पिछले दिन घोषित प्रतिबंधों की निंदा करते हुए इसे “” बताया है। प्रवक्ता एस्माईल बघाई ने कहा, “ईरान को उसके आर्थिक साझेदारों के साथ वैध व्यापार करने से रोककर ईरानी लोगों पर दबाव डालने का नए अमेरिकी प्रशासन का निर्णय एक नाजाइज़ और ग़ैर-क़ानूनी कार्रवाई है।”

अमेरिका के साथ बातचीत “स्मार्ट, बुद्धिमान या सम्मानजनक नहीं

उन्होंने कहा, ईरान “इस तरह की एकतरफा और धमकाने वाली कार्रवाइयों के नतीजों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मानता है।” सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बाद में टिप्पणी की कि अमेरिका के साथ बातचीत “स्मार्ट, बुद्धिमान या सम्मानजनक नहीं है”।

अमेरिका को बाहर निकाल दिया और फिर से कठोर प्रतिबंध लगाए

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सप्ताह के शुरू में सुझाव दिया था कि वे ईरान पर दबाव बढ़ाने और फिर “सत्यापित परमाणु शांति समझौते” पर पहुंचने की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने सन 2018 में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान, तेहरान की परमाणु क्षमताएं नियंत्रित करने के लिए ईरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के समझौते से अमेरिका को बाहर निकाल दिया और फिर से कठोर प्रतिबंध लगा दिए थे। इन बातों ने तेहरान को समझौते की सीमाओं का उल्लंघन करने के लिए प्रेरित किया।

अमेरिका ने पिछले समझौतों को तोड़ दिया : ईरान

“अमेरिका के साथ बातचीत करना न तो स्मार्ट है, न बुद्धिमानी है और न ही सम्मानजनक है। इससे हमारी किसी भी समस्या का समाधान नहीं होगा, कारण जानना चाहते हैं ? यह हमारा अनुभव है!” खामेनेई को शुक्रवार को यह कहते हुए उद्धृत किया गया कि ईरान ने अतीत में रियायतें दी थीं, लेकिन अमेरिका ने पिछले समझौतों को तोड़ दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका ईरान की सुरक्षा को खतरा पैदा करता है, तो तेहरान “ सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर देगा।”

अमेरिका ने हमारे खिलाफ कुछ किया तो उसे भुगतना होगा

ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद गुरुवार को घोषित प्रतिबंध ईरान पर लगाए जाने वाले पहले नए प्रतिबंध थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने की महत्वाकांक्षा का हिस्सा बताते हुए ईरान के कच्चे तेल के निर्यात को शून्य पर लाने का वादा किया है। ये उपाय ईरानी फर्मों, जहाजों और अमेरिका द्वारा पहले से ही स्वीकृत कंपनियों से संबद्ध व्यक्तियों को लक्षित करते हैं। वहीं प्रभावित व्यक्ति और टैंकर प्रतिवर्ष लाखों बैरल ईरानी कच्चा तेल चीन भेजने में मदद करते हैं।

तेहरान के साथ राजनयिक वार्ता कर रहे

जर्मनी, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम संयुक्त व्यापक कार्य योजना ( JCPOA) समझौते को फिर से शुरू करने की दिशा में एक रास्ता तलाशने की उम्मीद में हाल के महीनों में तेहरान के साथ राजनयिक वार्ता कर रहे हैं, जिसे ट्रम्प ने 2018 में एकतरफा रूप से रद्द कर दिया था। एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने बताया कि ईरान अमेरिका को विवादों को सुलझाने का मौका देने के लिए तैयार है। बहरहाल ईरान ने लंबे समय से अपने तेल क्षेत्र के खिलाफ प्रतिबंधों को खारिज कर दिया है।

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