तुलसी गबार्ड का तीखा बयान: “इस्लामिक आतंकी हमला”
अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड (Tulsi Gabbard) ने भी हमले की तीव्र निंदा की। उन्होंने कहा: “यह इस्लामिक आतंकवाद का हमला था जिसमें 26 हिंदू टूरिस्ट मारे गए। अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और दोषियों को पकड़ने में मदद करेगा।”
ईरान और सऊदी अरब की शांति की अपील
ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने ट्वीट कर कहा: “भारत और पाकिस्तान हमारे प्रिय पड़ोसी हैं। हम दोनों के बीच शांति और संवाद बढ़ाने के लिए अपने सभी संसाधन लगाने के लिए तैयार हैं।” सऊदी विदेश मंत्री ने भी भारत-पाक तनाव को लेकर चिंता जताई और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से फोन पर बातचीत की।
भारत की अपील – आतंक के खिलाफ वैश्विक एकजुटता जरूरी
भारत ने इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग दोहराई है। विदेश मंत्रालय ने कहा “आतंक का कोई धर्म नहीं होता, और जो इस तरह के हमलों का समर्थन करते हैं, उन्हें वैश्विक मंच से अलग-थलग किया जाना चाहिए।” यह घटना केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध है। दुनिया को अब एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी होगी।
क्या हुआ था पहलगाम में ?
पहलगाम की प्रसिद्ध बैसरन घाटी में 22 अप्रैल 2025 को चार आतंकियों ने सेना और पुलिस की वर्दी में हमला किया था। आतंकियों ने पर्यटकों की पहचान पूछ कर 26 लोगों की निर्ममता से हत्या कर दी थी। इस हमले में 17 अन्य लोग घायल हो गए थे। हमले की लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने जिम्मेदारी ली है। हमलावरों में से दो की पहचान आदिल गुरी और आसिफ शेख के रूप में हुई है, जबकि दो पाकिस्तानी बताए गए हैं।
दुनिया के लिए एक चेतावनी
बहरहाल पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल भारत बल्कि दुनिया के लिए एक चेतावनी है। निर्दोष पर्यटकों की हत्या ने साबित कर दिया है कि आतंकवाद मानवता का सबसे बड़ा शत्रु है।