यह हमला निर्दोष नागरिकों पर किया गया था
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला निर्दोष नागरिकों पर किया गया था, और इसे केवल आतंकवादी गतिविधि कहा जाना चाहिए। उन्होंने आतंकवादियों की क्रूरता को पूरी तरह से नकारात्मक और दुष्ट बताया।
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने भारतीय मीडिया की भी कड़ी आलोचना की
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने भारतीय मीडिया की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया ने इस घटना के फर्जी वीडियो क्लिप चलाए और पाकिस्तान के खिलाफ नकारात्मक प्रचार किया। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए कुछ वीडियो क्लिप्स भी प्रदर्शित किए, जो भारतीय मीडिया ने दिखाए थे।
क्वेटा में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया था
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इस वक्त हुई जब एक दिन पहले क्वेटा में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें पाकिस्तान की सुरक्षा को लेकर राज्य की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई थी। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर, संघीय और प्रांतीय मंत्री, और वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए थे।
चीन, अमेरिका, ईरान, और जर्मनी सहित कई देशों ने निंदा की
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय एकता का आह्वान करते हुए कहा कि पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व को सेना के साथ मिल कर देश की आंतरिक सुरक्षा और चुनौतियों का सामना करना चाहिए। इसके बाद, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पीटीआई पर हमला करते हुए इस अपहरण के राजनीतिकरण और सोशल मीडिया पर स्थिति की गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया। इस हमले के बाद, चीन, अमेरिका, ईरान, और जर्मनी सहित कई देशों ने इस घटना की निंदा की।
बीएलए का आतंकवाद और पाकिस्तान की सुरक्षा
पिछले एक साल में बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में तेजी आई है। नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर आत्मघाती विस्फोट में 26 लोग मारे गए और 62 लोग घायल हुए थे। इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (PIPS) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में बीएलए पाकिस्तान में आतंकवादी हिंसा के प्रमुख अपराधी के रूप में उभरा।
पाकिस्तान ने अप्रेल 2006 में बीएलए को आतंकवादी संगठन घोषित किया था
अगस्त 2024 में बीएलए से जुड़े आतंकवादियों ने बलूचिस्तान में कई हमले किए, जिनमें 14 सुरक्षाकर्मियों समेत 50 लोगों की जान चली गई। पाकिस्तान ने अप्रेल 2006 में बीएलए को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। बीएलए ने पिछले साल नवंबर में क्वेटा रेलवे आत्मघाती विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 16 सुरक्षाकर्मियों समेत 26 लोग मारे गए थे।
इतिहास में अपहरण की प्रमुख घटनाएं
पाकिस्तान में पहले भी बड़े पैमाने पर अपहरण की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें से एक प्रमुख घटना 1994 की है, जब अफगानिस्तान के तीन आतंकवादियों ने पेशावर के पास एक स्कूल बस पर कब्ज़ा कर लिया था और करीब 70 बच्चों को बंधक बना लिया था। अगले दिन सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन कर आतंकवादियों को मार गिराया और बच्चों को सुरक्षित बचाया था।
आंतरिक सुरक्षा और आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का उदाहरण
बहरहाल पाकिस्तान की नजर में जाफर एक्सप्रेस पर बीएलए के हमले और इसके बाद के ऑपरेशन में सुरक्षा बलों की सफलता पाकिस्तान की मजबूत आंतरिक सुरक्षा और आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का उदाहरण है। इस हमले ने पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकवाद और सुरक्षा पर चल रही बहस को उभार दिया है।