हसीना के भाषण पर बुलडोजर जुलूस निकालने की दी थी धमकी
रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा भड़कने से पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा गया था कि अगर शेख हसीना भाषण देती हैं तो ढाका के धनमंडी-32 स्थित शेख मुजीबुर रहमान के आवास की तरफ बुलडोजर जुलूस निकाला जाएगा। इसी के मुताबिक बुधवार रात 10.45 बजे (स्थानीय समय) शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के घर को गिराने के लिए एक खुदाई करने वाली मशीन लाई गई थी। इससे पहले रात 8 बजे के आसपास ही प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
क्या बोलीं शेख हसीना
अपने पिता के घर पर इस हिंसा को लेकर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने बयान दिया है। शेख हसीना ने कहा है कि ये लोग ऐसा करके किसी ढांचे को मिटा सकते हैं लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता। उन्होंने कहा कि “एक घर से क्यों डरना? मैं बांग्लादेश के लोगों से न्याय चाहती हूं। क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया? फिर इतना अपमान क्यों? मेरी बहन और मैं जिस एकमात्र याद से जुड़े हैं, उसे मिटाया गया। लेकिन एक ढांचे को मिटाया जा सकता है, लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता। उन्हें याद रखना चाहिए इतिहास अपना बदला जरूर लेता है।”
क्यों इसी घर को लगाई गई आग?
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान का ये घर बांग्लादेश के इतिहास का एक प्रतिष्ठित प्रतीक था। मुजीबुर ने सालों तक बांग्लादेश की आजादी का आंदोलन इसी आवास से किया था। फिर शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान इस घर को एक संग्रहालय में बदल दिया गया था।
मोहम्मद यूनुस सरकार ने कहा- हर हाल में शेख हसीना को वापस लाएंगे
बांग्लादेश में इस हिंसक घटना के कुछ घंटे बाद बांग्लादेश के गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार प्रत्यर्पण संधि के तहत अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और दूसरे पार्टी नेताओं को भारत लाने की हर संभव कोशिश कर रही है।