scriptPatrika Explainer: सुनीता विलियम्स की वापसी पर NASA ने कहा- सफल रहा मिशन, 420 किमी ऊपर आइएसएस से आने में 17 घंटे क्यों लगे? | Sunita Williams returned to Earth, why did it take 17 hours to come from ISS, 420 km above? | Patrika News
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Patrika Explainer: सुनीता विलियम्स की वापसी पर NASA ने कहा- सफल रहा मिशन, 420 किमी ऊपर आइएसएस से आने में 17 घंटे क्यों लगे?

Sunita Williams return to earth: करीब 9 माह बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर धरती पर लौट आए हैं। फ्लोरिडा के तट पर उनकी सफल लैंडिंग हुई है। पढ़ें पुष्‍पेश शर्मा की रिपोर्ट…

भारतMar 19, 2025 / 09:14 am

Ashib Khan

Sunita Williams: करीब नौ माह बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) से पृथ्वी पर पहुंचने में सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर को करीब 17 घंटे का वक्त लगा। कुछ लोगों में मन में सवाल उठा कि आमतौर पर साढ़े तीन या चार घंटे में पूरा होने वाला सफर 17 घंटे कैसे खिंच गया। पिछले वर्ष सोयुज कैप्सूल के जरिए तीन क्रू सदस्यों को धरती पर आने में साढ़े तीन घंटे ही लगे थे। यहां समझते ही ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब।

नियंत्रित गति से वापसी

सायुज एक सीध और तेज गति से धरती पर वापसी करता है, जिसके चलते आइएसएस से अलग होने के बाद यान की पृथ्वी के वायुमंडल में जल्द एंट्री हो जाती है, जबकि ड्रेगन अपेक्षाकृत धीमी और नियंत्रित गति से वापसी करता है। यह सीधे आने की बजाय पृथ्वी की परिक्रमा करता है और अनुकूल समय और स्थान चुनकर नीचे की ओर मुड़ता है। लैंडिंग के लिए ड्रेगन कैप्सूल को सटीक अलाइमेंट की आवश्यकता होती है। आइएसएस पृथ्वी से करीब 420 किमी ऊपर है।

वायुमंडलीय घर्षण से बचना

अंतरिक्ष यात्रियों को लाने वाले स्पेसक्राफ्ट की गति 28 हजार प्रति घंटे की गति समुद्र में उतरते वक्त 32 किमी प्रति घंटे ही रह जाएगी। सबसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण समय पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान रहता है, इस दौरान घर्षण से बचाना बड़ी चुनौती है और स्पेसएक्स ड्रेगन की तैयारी बेहतर मानी जाती है।

जमीन पर उतरने में अंतर

सायुज हमेशा जमीन पर उतरता है, जबकि क्रू ड्रेगन समुद्र में स्प्लैशडाउन करता है। मौसम और समुद्री परिस्थितियां जांचने के लिए भी क्रू ड्रेगन अतिरिक्त समय लेता है।
sunita

उतरने के बाद क्या करते हैं

कैप्सूल समुद्र में सुरक्षित उतरने ही वहां मौजूद रिकवरी टीमें अंतरिक्ष यात्रियों को जांच और शारीरिक परीक्षण के लिए हृयूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाती हैं।

‘सफल रहा मिशन’

सुनीता विलियम्स की वापसी पर नासा ने स्पेसएक्स को धन्यवाद दिया। नासा ने कहा कि इस मिशन में कई चुनौतियां थी। लेकिन ये सफल रहा।

सुनीता की वापसी पर देश में जश्न

करीब 9 महीने बाद सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने के बाद भारत में जश्न का माहौल है। सुनीता के पैतृक गांव झूलासन में लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए पटाखे फोड़े।

एलन मस्क ने किया ट्वीट

सुनीता विलियम्स की वापसी पर एलन मस्क ने एक्स पर पोस्ट किया है। मस्क ने स्पेसएक्स और नासा को मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने के लिए बधाई दी है। साथ ही उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शुक्रिया भी अदा किया है।

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