क्या शेख हसीना का जाना काफी नहीं?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए तसलीमा नसरीन ने लिखा कि बांग्लादेश से क्या शेख हसीना (Sheikh Hasina) का जाना काफी नहीं था? शेख मुजीबुर्रहमान के संग्रहालय पर हमला करने वो लोग हैं जो कभी बांग्लादेश को आजाद होते हुए नहीं देखना चाहते थे। इन्होंने तो धर्मनिरपेक्षता को ही खारिज कर दिया है, ये 1971 में ही एक इस्लामिक देश चाहते थे। ये पाकिस्तान (Pakistan) जैसे आतंकी देश के साथ गठबंधन करना चाहते थे। वे लोग और उनके वंशज आज हर चीज को आग लगा रहे हैं। ये जो कट्टरपंथी मुसलमान हैं, ये गैर काफिरों से दुश्मनी रखते हैं, ये महिलाओं से नफरत करते हैं, यही लोग आज बांग्लादेश की सत्ता का सुख भोग रहे हैं, य़े यूनुस सरकार हैं।”
“और रो बांग्लादेश, रो”- नसरीन
तसलीमा नसरीन ने कहा कि शेख मुजीबुर्रहमान का जो घर जलाया गया है वहां पर उनका म्यूजियम बनना चाहिए। क्योंकि स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को कभी नहीं मिटाया जाना चाहिए। इसके साथ उन्होंने बुधवार रात को हुई हिंसा की कुछ तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। साथ ही कैप्शन में लिखा है “और रो बांग्लादेश, रो”।
शेख हसीना ने कहा, इतिहास अपना बदला जरूर लेता है
अपने पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान का घर जलाए जाने पर शेख हसीना ने बयान दिया था कि ऐसा करके वो एक ढांचे को मिटा सकते हैं लेकिन इतिहास को नहीं मिटा सकते। घर जलाने वालों को याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला जरूर लेता है।